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भारत के फेमस कार्डियोलॉजिस्ट Dr Naresh Trehan ने बताया यंग एज में हार्ट अटैक क्यों आ रहे हैं, किन बातों की अनदेखी बिल्कुल न करें

Heart Attack in Young Age: पहले हार्ट अटैक सिर्फ 60 साल की उम्र के बाद ही देखा जाता था, लेकिन अब जवान लोगों में भी हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं. कार्डियक एक्सपर्ट्स डॉक्टर नरेश त्रेहान ने कुछ कारणों के बारे में बताया है.

भारत के फेमस कार्डियोलॉजिस्ट Dr Naresh Trehan ने बताया यंग एज में हार्ट अटैक क्यों आ रहे हैं, किन बातों की अनदेखी बिल्कुल न करें
Heart Attack Causes: हार्ट अटैक क्यों आता है?

Heart Attack Kyun Aata Hai: आज हार्ट अटैक सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी नहीं रह गई है. 17 साल तक के बच्चों में भी हार्ट प्रॉब्लम के मामले सामने आ रहे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक इसकी बड़ी वजह जेनेटिक्स, गलत खानपान, लाइफस्टाइल और समय पर जांच न कराना है. सही उम्र पर स्क्रीनिंग, बैलेंस डाइट, योग-प्राणायाम और स्ट्रेस कंट्रोल से हार्ट डिजीज का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है. कार्डियक एक्सपर्ट्स डॉक्टर नरेश त्रेहान के अनुसार हर हार्ट अटैक एक जैसा नहीं होता. किसी में हार्ट की आर्टरीज में ब्लॉकेज होती है, तो किसी में इलेक्ट्रिकल सिस्टम या हार्ट मसल की समस्या होती है. कई बच्चे जन्म से ही मेटाबॉलिक या लिपिड डिसऑर्डर के साथ पैदा होते हैं, जिससे उनकी आर्टरीज में बहुत कम उम्र में ब्लॉकेज बनने लगती है. ऐसे मामलों में 9 से 17 साल के बच्चों को भी हार्ट अटैक या गंभीर हार्ट प्रॉब्लम हो सकती है.

गलत खानपान भी बन सकता है हार्ट अटैक का कारण

डॉक्टर बताते हैं कि जरूरत से ज्यादा घी, तेल और फैट लेने से शरीर उसे मेटाबॉलाइज नहीं कर पाता. खासतौर पर बचपन से ही अगर रोज़ ज्यादा फैट दिया जाए, तो वही फैट आर्टरीज में जमने लगता है. ग्रामीण इलाकों में सर्दियों में बनने वाले घी से भरे लड्डू कभी-कभी खाना ठीक है, लेकिन रोजाना ऐसा करना दिल के लिए खतरनाक हो सकता है.

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उम्र के साथ बदलता है शरीर का मेटाबॉलिज्म

20–25 साल की उम्र में शरीर ज्यादा फूड आसानी से पचा लेता है, लेकिन 30 के बाद मेटाबॉलिक रेट धीरे-धीरे कम होने लगता है. 40 के बाद वजन बढ़ना और थकान महसूस होना आम हो जाता है। इसलिए उम्र के साथ खानपान और एक्सरसाइज में बदलाव जरूरी है.

हार्ट डिजीज एक साइलेंट किलर क्यों है? | Why Is Heart Disease a Silent Killer?

अक्सर हार्ट की बीमारी के साफ लक्षण नहीं दिखते. न दर्द होता है, न बाहर से कोई निशान. तभी इसे साइलेंट किलर कहा जाता है. अगर परिवार में हार्ट डिजीज या डायबिटीज की हिस्ट्री है, तो बच्चों में इसका खतरा डबल या ट्रिपल तक हो सकता है.

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कब कराएं हार्ट चेकअप?

डॉक्टर सलाह देते हैं कि अगर फैमिली हिस्ट्री है, तो 25 साल से पहले एक बार पूरा हार्ट चेकअप जरूर कराना चाहिए, जिन लोगों की फैमिली हिस्ट्री नहीं है, उन्हें भी 30 साल की उम्र तक स्क्रीनिंग करानी चाहिए. इससे रिस्क फैक्टर्स समय रहते कंट्रोल किए जा सकते हैं.

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हार्ट को हेल्दी रखने के आसान उपाय

योग, प्राणायाम और रेगुलर एक्सरसाइज दिल और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद हैं. सही डाइट, स्ट्रेस मैनेजमेंट और समय पर जांच से हार्ट अटैक का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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