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"उत्तर भारतीय... बंटोगे तो पिटोगे”, बीएमसी चुनाव से पहले शिवसेना भवन के सामने लगे पोस्‍टर

मुंबई के दादर में स्थित शिवसेना भवन के सामने "उत्तर भारतीय... बटोगे तो पिटोगे" लिखा पोस्‍टर लगा है. इसे हाल ही में मुंबई में लगे "मराठी माणसा जागा हो" के पोस्टरों का एक राजनीतिक जवाब माना जा रहा है.

"उत्तर भारतीय... बंटोगे तो पिटोगे”, बीएमसी चुनाव से पहले शिवसेना भवन के सामने लगे पोस्‍टर
  • महाराष्ट्र में BMC चुनाव में एक महीने से भी कम समय बचा है, जिससे राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है.
  • शिवसेना भवन के सामने उत्तर भारतीयों को संबोधित करते हुए एक बैनर लगा है, जिसमें लिखा है कि बंटोगे तो पिटोगे.
  • यह बैनर मुंबई में हाल ही में लगे 'मराठी माणसा जागा हो' के पोस्टरों के जवाब में लगाया गया माना जा रहा है.
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मुंबई:

महाराष्‍ट्र में बीएमसी सहित 29 नगर निगमों के चुनाव में एक महीने से भी कम वक्‍त बचा है और यही कारण है कि राजनीतिक बयानबाजी से लेकर पोस्‍टर वार तक अपने चरम पर पहुंच चुका है. BMC चुनाव की हलचल के बीच “पोस्टर वॉर” की नई तस्वीर मुंबई के दादर इलाके में देखने को मिली है. दादर स्थित शिवसेना भवन के सामने एक बैनर लगा है और उस पर उत्तर भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा गया है कि बंटोगे तो पिटोगे. राजनीतिक हलकों से आम लोगों तक अब इस पोस्‍टर की चर्चा है.

शिवसेना भवन के सामने लगे पोस्‍टर पर लिखा है, "उत्तर भारतीय... बटोगे तो पिटोगे". इस पोस्‍टर को हाल ही में मुंबई में लगे "मराठी माणसा जागा हो" के पोस्टरों का एक राजनीतिक जवाब माना जा रहा है. कुछ दिनों पहले मुंबई में "मराठी माणसा जागा हो" (मराठी मानुष जाग जाओ) के पोस्टर लगे थे. माना जा रहा है कि यह नया बैनर उसी के जवाब में लगाया गया है.

उत्तर भारतीयों को एकजुट करने की कोशिश!

बीएमसी चुनाव में उत्तर भारतीय मतदाता कई सीटों पर बेहद अहम हो जाते हैं. ऐसे में इस बैनर के जरिए बीएमसी चुनाव में उत्तर भारतीय मतदाताओं को एकजुट करने और अपनी ताकत दिखाने का आह्वान किया जा रहा है. 15 जनवरी को होने वाले चुनावों में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की 227 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. साथ ही इसी दिन 28 अन्‍य नगर निगमों के लिए भी वोटिंग होगी और 16 जनवरी को मतों की गिनती की जाएगी.

74 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बजट

बीएमसी 2025-26 में 74 हजार करोड़ रुपये से अधिक के बजट के साथ एशिया का सबसे बड़ा नगर निकाय है. ऐसे में राजनीतिक दलों के लिए यह चुनाव बेहद अहम है और इसे लेकर राजनीति भी तेज हो गई है.

हाल ही में हुए 288 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा 117 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि सत्तारूढ़ महायुति (भाजपा, शिवसेना और एनसीपी) ने मिलकर 200 से अधिक सीटें हासिल कीं.

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