
- महाराष्ट्र सरकार ने काम के घंटे 9 से बढ़ाकर 10 घंटे करने का प्रस्ताव कैबिनेट में प्रस्तुत किया है.
- यह प्रस्ताव महाराष्ट्र शॉप्स एंड एस्टेब्लिशमेंट्स एक्ट, 2017 में संशोधन के साथ लागू किया जाएगा.
- श्रम मंत्री आकाश फंडकर ने बताया कि प्रस्ताव पर काम चल रहा है, लेकिन अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
महाराष्ट्र में सरकार काम के घंटे बढ़ाने की योजना पर काम रही है. दरअसल बीते दिनों हुई कैबिनेट बैठक में श्रम विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव पेश किया गया. प्रस्ताव के अनुसार काम के घंटे बढ़ाकर 9 से 10 घंटे किया जा सकता है. साथ ही प्रस्ताव में महिलाओं को भी नाइट शिफ्ट लगाए में काम दिए जाने का जिक्र किया गया है. महाराष्ट्र के श्रम मंत्री आकाश फंडकर के अनुसार प्रस्ताव पर काम शुरू हो गया है, हालांकि अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है. लेकिन इस प्रस्ताव के आते ही एक नई बहस छिड़ गई है.
कहा जा रहा है कि यदि ये बदलाव लागू होता है तो महाराष्ट्र शॉप्स एंड एस्टेब्लिशमेंट्स (रेगुलेशन ऑफ़ एम्प्लॉयमेंट एंड कंडीशंस ऑफ़ सर्विस) एक्ट, 2017 में बदलाव करना होगा. यह कानून दुकान, होटल, मनोरंजन केंद्र और प्राइवेट बिजनेस में काम करने के घंटे और नौकरी की शर्तों को तय करता है.
सरकार के प्रस्ताव पर PHDCCI के CEO बोले- हो सकता है गलत असर
महाराष्ट्र सरकार के इस प्रस्ताव पर PHDCCI के CEO और सचिव रणजीत मेहता ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार का प्रस्ताव इंडस्ट्री में प्रोडक्शन बढ़ाने की दिशा में एक सोच है. लेकिन PHDCCI की राय है कि काम के घंटे बढ़ाने के कुछ गलत प्रभाव भी हो सकते हैं.
काम के घंटे बढ़ाने के बदले टेक्नोलॉजी पर देना चाहिए ध्यान
उन्होंने कहा कि इससे कामगारों की efficiency घट सकती है और इसका असर वर्कप्लेस पर इनोवेशन पर पड़ सकता है. आज टेक्नोलॉजी की मदद से कई नए इनोवेटिव तरीके तैयार किया जा सकते हैं. प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के और इन पर महाराष्ट्र सरकार को विचार करना चाहिए.
महिलाओं की नाइट शिफ्ट पर सुरक्षा और पिकअप-ड्रॉप जरूरी
महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट के प्रस्ताव पर PHDCCI के CEO रणजीत मेहता ने कहा कि जहां तक महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने का सवाल है, हमारी राय है कि महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए. लेकिन इसके लिए बेहद जरूरी होगा कि उन्हें इसके लिए वर्कप्लेस एनवायरमेंट को और सुरक्षित बनाया जाए. साथ ही नाइट शिफ्ट करने वाली महिलाओं को पिकअप और ड्रॉपिंग अनिवार्य तौर पर मिलनी चाहिए.
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