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This Article is From Nov 10, 2022

अफज़ल खान के मकबरे के आसपास बने अवैध ढांचे गिराए गए, फडणवीस बोले- ये गौरवशाली दिन

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इन ढांचों को उच्च न्यायालय के आदेश के तहत ढहाया गया है. उन्होंने इसे ‘गौरवशाली दिवस’ करार दिया.

अफज़ल खान के मकबरे के आसपास बने अवैध ढांचे गिराए गए, फडणवीस बोले- ये गौरवशाली दिन
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इन ढांचों को उच्च न्यायालय के आदेश के तहत ढहाया गया है
मुंबई:

महाराष्ट्र में सतारा जिला प्रशासन ने गुरुवार को बीजापुर के आदिल शाही वंश के सेनापति अफज़ल खान के मकबरे के आसपास सरकारी ज़मीन पर बने अनधिकृत ढांचों को ध्वस्त कर दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. अफज़ल खान सतारा जिले में प्रतापगढ़ किले के पास मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के हाथों मारा गया था. बाद में, उसकी याद में वहां एक मकबरा बनाया गया था.

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इन ढांचों को उच्च न्यायालय के आदेश के तहत ढहाया गया है. उन्होंने इसे ‘गौरवशाली दिवस' करार दिया. अनधिकृत ढांचों को उस दिन ढहाया गया है, जिस दिन 1659 में महान मराठा राजा के हाथों खान मारा गया था. इसे महाराष्ट्र में कुछ संगठनों द्वारा 'शिवप्रताप दिन' के रूप में मनाया जाता है.

अधिकारियों ने बताया कि भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच गुरुवार तड़के ढांचों को ध्वस्त करने की कवायद शुरू की गई, जो अब भी जारी है. सतारा के जिलाधिकारी रुचिश जयवंशी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘अफज़ल खान मकबरा परिसर के आसपास बने पक्के कमरों जैसे अवैध ढांचों को जिला प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है.''

उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई उच्च न्यायालय के आदेश और राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार की गई है. अधिकारी ने कहा, ‘‘अनधिकृत ढांचा 15 से 20 गुंठा भूमि (एक गुंठा 1,089 वर्ग फुट के बराबर) पर फैला हुआ था.'' उन्होंने कहा कि ज़मीन का कुछ हिस्सा वन विभाग का है, जबकि कुछ हिस्सा राजस्व विभाग का है.

फडणवीस ने विभिन्न मराठी समाचार चैनल से कहा, 'आज का दिन सभी के लिए गर्व का दिन है क्योंकि आज शिवप्रताप दिन है. इसी दिन छत्रपति शिवाजी महाराज के हाथों अफजल खान मारा गया था.' उन्होंने कहा, 'वर्ष 2007 में अदालत ने अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था. वर्ष 2017 में ही हमने प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन कुछ कानूनी समस्याएं सामने आईं.'

उपमुख्यमंत्री ने कहा, 'शिव-प्रेमियों (शिवाजी महाराज के अनुयायियों) की ओर से (अतिक्रमण हटाने की) मांगें की गई थीं, लेकिन जब उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया, तो उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गये, लेकिन अतिक्रमण कभी नहीं हटाया जा सका. आज यह सभी के लिए संतोष की बात है कि पूरा अतिक्रमण हटा दिया गया है.''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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