कन्हैया कुमार बेगूसराय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं (फाइल फोटो)
बिहार की बेगूसराय (Begusarai) लोकसभा सीट पर इस बार दिलचस्प मुक़ाबला देखने को मिलेगा. पूरे देश की नजर इस सीट पर टिक गई है. एक ओर बीजेपी के गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) हैं तो दूसरी तरफ जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई (CPI) उम्मीदवार कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) हैं. RJD ने बेगूसराय से तनवीर हसन को उम्मीदवार बनाया है. कन्हैया ये लड़ाई लड़ने के लिए लोगों से वोट के साथ नोट भी मांग रहे हैं. पिछले 28 घंटे में कन्हैया ने 28 लाख रुपये जुटाए हैं.
गौरतलब है कि कन्हैया ने लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) के लिए ऑनलाइन 70 लाख का फंड जुटाने को अपने चुनावी अभियान के साथ-साथ एक समानांतर अभियान शुरू किया है. रविवार को जब कन्हैया की उम्मीदवारी की घोषणा की गई थी तभी सीपीआई के नेताओं ने साफ कर दिया था कि चूंकि मुकाबला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उम्मीदवार गिरिराज सिंह के साथ है, इसलिए साधन-संसाधन में तो उनका मुकाबला नहीं किया जा सकता. इसके लिए लोगों से आर्थिक सपोर्ट के साथ-साथ वोट मांगने का अभियान शुरू किया जाएगा.
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उस समय लगा था कि शायद यह अभियान बेगूसराय संसदीय क्षेत्र में ही हो, लेकिन बाद में कन्हैया (Kanhaiya Kumar) ने एक वीडियो जारी किया और ऑनलाइन फंड जुटाने का अभियान शुरू किया गया. हालांकि बिहार के चुनाव में 'नोट के साथ वोट' इससे पूर्व भी कई नेताओं ने आजमाया है. प्रसिद्ध समाजवादी मधु लिमये हों या जॉर्ज फर्नांन्डिस, इन्हें लोगों ने वोट दिया और नोट भी दिए.
2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बेगूसराय सीट पर बीजेपी को 39.72 फीसदी वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रही राजद को 34.31 फीसदी वोट प्राप्त हुए. कन्हैया कुमार की पार्टी सीपीआई के उम्मीदवार को 17.87 फीसदी वोट मिले थे. अगर मतदाताओं की बात करें तो बेगूसराय में क़रीब पौने 5 लाख भूमिहार मतदाता हैं जो बीजेपी के परंपरागत वोटर माने जाते हैं. वहीं 2.5 लाख मुसलमान मतदाता हैं. गिरिराज सिंह और कन्हैया कुमार दोनों ही भूमिहार हैं जबकि आरजेडी ने मुस्लिम उम्मीदवार तनवीर हसन को टिकट दिया है. यहां यादव मतदताओं की भी बड़ी संख्या है.
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