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Hindi Poem: 'शहनाई की गूंज से जब सुबह-ए बनारस सजता था', बिस्मिल्लाह खां की पुण्यतिथि पर पढ़ें रश्मि गुप्ता की ये खूबसूरत कविता

Hindi Poem: शहनाई के बादशाह उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की पुण्यतिथि पर सिंगर और कवियत्री रश्मि गुप्ता ने एक बेहद ही सुंदर कविता लिखी है.

Hindi Poem: 'शहनाई की गूंज से जब सुबह-ए बनारस सजता था', बिस्मिल्लाह खां की पुण्यतिथि पर पढ़ें रश्मि गुप्ता की ये खूबसूरत कविता
नई दिल्ली:

Death anniversary of Bismillah Khan: शहनाई के बादशाह उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की आज यानी 21 अगस्त को पुण्यतिथि है, जिन्हें शहनाई का शहनशाह कहा जाता है. उस्ताद बिस्मिल्लाह खान किसी परिचय के मोहताज नहीं, वह भारत के बेहतरीन शास्त्रीय संगीतकारों में से एक थे. उनकी पुण्यतिथि पर सिंगर और कवियत्री रश्मि गुप्ता ने एक बेहद ही सुंदर कविता लिखी है. हालांकि रश्मि गुप्ता ने कई बेहद खूबसूरत कविताएं लिखी हैं लेकिन उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ान की पुण्यतिथि पर उनकी ये खास रचना आपको बेहद पसंद आएगी. उन्होंने इस कविता में उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ान की शहनाई से निकलने वाली आवाज को बहुत ही सुंदर भाव में प्रकट किया है. जरूर पढ़ें कवियत्री रश्मि गुप्ता की ये कविता.

शहनाई की गूंज से जब सुबह ए बनारस सजता था...

शहनाई की गूंज से जब सुबह ए बनारस सजता था, 
गंगा मुस्कुरा उठती थी जब रोम रोम में संगीत बहता था। 

ना कोई था ना कोई होगा तेरे जैसा संसार में,
सुरों की गंगा बहाकर शांति भरता हर इंसान में।

शहनाई एक वाद्य ही नहीं सुर लय का संगम है,
जिसकी लहरियो में गूंजता एकता का संदेश है। 

इश्क जवां हो उठता था, शहनाई के आगोश में,
प्रेम की गंगा बहती थी अपने सुर अंदाज में।

सुर खामोश हो गए जब ली आपने रुखसत इस जहां से,
शत-शत नमन करता हर शख्स आपको हिंदुस्तान से।

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