
National Unity Day 2022: हर साल 31 अक्टूबर के दिन राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है. साल 2014 से इस दिन को सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) की जयंती के दिन मनाया जा रहा है जिन्होंने देश की आजादी के बाद रजवाड़ों के भारत में विलय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और अखंड भारत की नींव रखी थी. उनके इसी कार्य से एकता दिवस का अर्थ भी सिद्ध होता है. देखा जाए तो हम सभी को अपने बच्चों में बचपन से ही अनेकता में एकता (Unity in diversity) के गुण डालने चाहिए. भारत विविधताओं से भरा देश है लेकिन फिर भी हम सब एक हैं, भारतीय हैं. बच्चों में इस भाव को पैदा करने के लिए और उन्हें अनेकता में एकता के बारे में समझाने के लिए कुछ कोशिशें की जा सकती हैं.
बच्चों को अनेकता में एकता समझाना | Teaching Children About Unity In Diversity
अनेकता के बारे में बताएं बच्चों को अनेकता क्या होती है यह समझाने के लिए आपको बहुत भारी-भरकम शब्दों के इस्तेमाल की आवश्यक्ता नहीं है. आप घर की चीजों को दिखाकर, बच्चों के खिलौने उठाकर या फिर किसी जंगल या फिर परिवार का उदाहरण देकर भी बच्चों को बता सकते हैं कि किस तरह अलग-अलग चीजें मिलकर एक ही परिवार बनाती हैं और आपस में मिली-जुली हैं. यही अनेकता की खूबी भी है और खासियत भी.
दोस्तों का दें उदाहरण
बच्चे चाहे कुछ समझें या ना समझें लेकिन दोस्ती और दोस्ती का महत्व कच्ची उम्र से ही बखूबी समझते हैं. बच्चों को उनके दोस्त का उदाहरण देकर ही बताएं कि किस तरह वे दोनों एकदूसरे से बेहद अलग (Different) होने के बाद भी अच्छे दोस्त हैं. दोनों की अलग-अलग पसंद, अलग बोलचाल का तरीका, अलग पारिवारिक बैकग्राउंड और अलग पहनावा उन्हें भिन्न बनाते हुए भी एकदूसरे के करीब रखता है.
अनेकता में एकता के बारे में बच्चों को बताने के साथ ही उदाहरण देकर उन्हें इसका महत्व अनुभव भी कराएं. अलग-अलग त्योहारों को मिलकर सेलिब्रेट करना, पड़ोसियों को मिठाइयां खिलाना और उनके द्वारा मनाए जाने वाले किसी खास त्योहार पर उन्हें बधाई देना और उनके पकवान खाना, बच्चों को आपस में खेलने के लिए भेजना यह दर्शाता है कि अलग-अलग तरह के त्योहारों (Festivals) को साथ मनाने में जो खुशी है वो अतुल्य होती है.
आप जिस जगह पर रहते हैं हो सकता है वहां आपकी तरह के ही लोग रहते हों. सभी के घर एकजैसे हो सकते हैं, पहनावा और बोलचाल वगैरह भी एक सी ही हो सकती है. ऐसे में बच्चों को घुमाने-फिराने लेकर जाना अच्छा रहता है. इससे वे देख पाते हैं कि भारत के ही अलग-अलग राज्यों में लोग हमसे अलग होकर भी कितने एक से होते हैं. चाहे आपको किसी की भाषा समझ ना आए लेकिन उनके भाव आसानी से समझे जा सकते हैं. ये ऐसे गुण (Value) हैं जो बच्चों को उदार और सभी के प्रति संवेदनशील भी बनाते हैं.
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