
Churna for Diabetes: मधुमेह यानी डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है. इसके दो टाइप होते हैं, टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) और टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes). टाइप 1 डायबिटीज होने पर बॉडी में इंसुलिन (Insulin) बनना बंद हो जाता है. वहीं, टाइप 2 डायबिटीज में इंसुलिन बनता तो है लेकिन हमारी बॉडी इसका सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाती है. इंसुलिन बॉडी में ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को बैलेंस करने का काम करता है. ऐसे में अगर इंसुलिन बनता नहीं है या ठीक तरह से काम नहीं करता है, तो इससे बॉडी में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे व्यक्ति को गंभीर नुकसान झेलने पड़ते हैं. शुगर बढ़ने पर हृदय रोग, किडनी रोग, आंखों की समस्या बढ़ जाती है. इसके अलावा हाई ब्लड शुगर आपकी स्किन पर भी बेहद खराब असर डालता है.
अब, डायबिटीज का कोई सटीक इलाज नहीं है, न ही एक बार होने पर डायबिटीज को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है. हालांकि, एक अच्छी बात यह है कि हेल्दी लाइफस्टाइल और खानपान में कुछ खास चीजों को शामिल कर ब्लड शुगर के लेवल को काफी हद तक कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है, जिससे डायबिटीज पेशेंट्स की सेहत अच्छी रहती है. यहां हम आपको शुगर कंट्रोल करने वाले एक ऐसे ही चूर्ण के बारे में बता रहे हैं.
क्या है ये खास चूर्ण?
दरअसल, इस खास चूर्ण के बारे में बाबा रामदेव के सहयोगी और आयुर्वेद केन्द्र पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) ने अपने यूट्यूब चैनल पर बताया है. अपने चैनल पर शेयर किए गए एक वीडियो में आचार्य बालकृष्ण बताते हैं, डायबिटीज के रोगी शुगर के लेवल को कम करने के लिए घर पर ही एक खास चूर्ण तैयार कर सकते हैं.
इस तरह बनाएं चूर्ण- इसके लिए आपको केवल 4 चीजों की जरूरत होगी.
- जामुन की गुठली, सूखा करेला, कुटकी और मेथी दाना
- आपको केवल इन चारों चीजों को एक साथ पीस लेना है और इतना करते ही आपका चूर्ण बनकर तैयार हो जाएगा.
- आचार्य बालकृष्ण रोज सुबह और शाम 1 चम्मच इस चूर्ण को खाने की सलाह देते हैं.
जामुन की गुठली
आचार्य बालकृष्ण से अलग कई शोध के नतीजे भी जामुन और इसकी गुठली को डायबिटीज पेशेंट्स के लिए बेहद फायदेमंद बताते हैं. जामुन की गुठली में जोम्बोलिन और जम्बोसिन (jambosine) नाम के तत्व होते हैं. ये खून में ब्लड शुगर की रिलीज को धीमा कर देते हैं. इससे शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ता है और डायबिटीज को नियंत्रण में रखने में मदद मिलती है.
करेलाकरेले को डायबिटीज के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. कई हेल्थ रिपोर्ट्स बताती हैं कि करेला पॉलीपेप्टाइड-पी (Polypeptide-p), विसिन (vicin) और लेक्टिन (lectin) से भी भरपूर होता है. ये सभी पैंक्रियाज से इंसुलिन के रिलीज को उत्तेजित करते हैं, जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है. इससे अलग करेला कार्बोहाइड्रेट के पाचन में शामिल एंजाइम अल्फा-ग्लूकोसिडेज की गतिविधि को रोकने में मदद कर सकता है, जिससे बॉडी में ग्लूकोज का अवशोषण धीमा हो जाता है, इस तरह भी ये ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में असर दिखाता है.
मेथी दानामेथी दाने में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है. फाइबर पाचन को बेहतर करता है और शरीर में कार्बोहाइड्रेट और शुगर के अवशोषण को धीमा करने में असर दिखाता है. इससे भी ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है.
कुटकीइन सब से अलग कुटकी में भी फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो शुगर लेवल को एकदम बढ़ने से रोकती है. ऐसे में डायबिटीज पेशेंट्स के लिए कुटकी के सेवन को भी बेहद फायदेमंद माना जाता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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