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उंगलियों को चटकाने पर क्या सचमुच हो सकता है आर्थराइटिस, जानिए डॉक्टर का इसपर क्या कहना है

Knuckle Cracking And Arthritis: बहुत से लोगों को आपने भी कहते सुना होगा कि उंगलियां चटकाने पर हड्डियां कमजोर हो जाती हैं या आर्थराइटिस की दिक्कत होती है. इसमें कितनी सच्चाई है यह बता रहे हैं डॉक्टर, आप भी जान लीजिए. 

उंगलियों को चटकाने पर क्या सचमुच हो सकता है आर्थराइटिस, जानिए डॉक्टर का इसपर क्या कहना है
Ungliya Chatkane Par Kya Hota Hai: जानिए उंगलियां चटकाने पर हड्डियों पर क्या प्रभाव पड़ता है.

Healthy Tips: बैठे-बैठे कभी भी उंगलियां चटकाना एक ऐसी आदत है जो बहुत से लोगों में होती है. कई-कई देर बाद जब उंगलियां चटकाई जाती हैं तो उनसे तेज कट की आवाज आती है जिससे रिलैक्स्ड महसूस होता है और लगता है कि उंगलियां अचानक चुस्त हो गई हैं और उनमें जान भर गई है. लेकिन, इस आदत को लेकर अक्सर ही कहा जाता है कि इससे हड्डियों को नुकसान होता है और जिन लोगों को उंगलियां चटकाने (Cracking Knuckles) की आदत होती है उन्हें आर्थराइटिस की दिक्कत हो जाती है. ऐसे में डॉक्टर योकेश अरुल ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया है जिसमें वे बता रहे हैं कि क्या सचमुच उंगलियां चटकाने पर आर्थराइटिस (Arthritis) हो जाता है या बस यह कहने भर की बात है. 

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क्या उंगलियां चटकाने पर आर्थराइटिस की दिक्कत होती है | Can Cracking Your Knuckles Cause Arthritis 

डॉ. योकेश रकुल बताते हैं कि हमारे जोड़ों में साइनोवेल फ्लुइड होता है जो जॉइंट्स को आराम से मूव करने में मदद करता है. इस फ्लुइड में कुछ गैसेस भी होती हैं. जब हम अचानक से उंगली चटकाते हैं तो ये गैसेस और फ्लुइड आपस में मिक्स हो जाते हैं और चटक की आवाज आती है. जितनी तेजी से प्रेशर लगाया जाता है उतनी ही तेजी से उंगलियां चटकती हैं. 

उंगलियां चटकाने पर आर्थराइटिस होता है या नहीं इसपर डॉक्टर बताते हैं कि कई स्टडीज से पता चला है कि उंगलियां चटकाने और आर्थराइटिस के बीच कोई संबंध नहीं हैं. हालांकि उंगलियां चटकाने (Ungali Chatkane) पर जोड़ों की ग्रिप और स्ट्रेंथ कम हो सकती है. इसीलिए लोगों को उंगलियां ना चटकाने के लिए कहा जाता है. 

उंगलियां चटकाने की आदत कैसे होगी कम 
  1. उंगलियां चटकाने की आदत से निजात पाने के लिए आप किसी फिजेट टॉय का इस्तेमाल कर सकते हैं. रिलैक्सेशन तकनीक आजमाकर भी उंगलियां चटकाने से खुद  को रोका जा सकता है. 
  2. अपने ट्रिगर्स को पहचानना जरूरी है. इससे आप उंगलियां चटकाने से परहेज कर सकते हैं. 
  3. अपनी उंगलियां चटकाने के बजाय हाथों को किसी और काम में लगा दें. इससे माइंड भी डाइवर्ट हो जाता है. 
  4. योगा या स्ट्रेचिंग करके भी इस इच्छा को दबाया जा सकता है. 
  5. अगर आपको लगता है कि यह आदत साइकोलॉजिकल है और आपको इससे छुटकारा पाना ही है, तो आप चिकित्सक से सलाह ले सकते हैं.

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