सर्दियों शुरुआत हो चुकी है. भारत के उत्तरी इलाकों में कड़ाके वाली ठंड पड़ती है. कंबल से निकलना कितना एक चैलेंज हो जाता है. अक्सर आप सर्दी के दिनों में कंबल के अंदर जाते हैं तो आपके गर्म नहीं होते. काफी लंबे समय के बाद पैर गर्म होते हैं. कई लोग सर्दियों के दिनों में भी शॉर्ट्स पहने नजर आते हैं. तो क्या पैरों में ठंड कम लगती है? कई लोग अपने-अपने हिसाब से बताते हैं और ये शरीर पर भी निर्भर करता है.इसके पीछे साइंस क्या कहता है चलिए जानते हैं.
शरीर में हाथों और पैरों खासकर उंगलियों में सबसे ज्यादा ठंड लगती है. इसका मेन कारण शरीर का तापमान नियंत्रण तंत्र (Thermoregulation system) है, जो जरूर अंदर अंगों (Core Organs) को बचाने के लिए इन अंगों से गर्मी को खींच लेता है.
सबसे ज्यादा ठंड लगने के क्या है कारण
ठंड के मौसम में होते हैं, तो आपका शरीर एक प्राइमरी सिस्टम के तहत काम करता है. शरीर का पहला काम शरीर के जरूरी अंगों को जैसे ब्रेन, हार्ट और अन्य अंगों को उनके सामान्य तापमान 37 डिग्री सेल्सियस पर रखना होता है ताकि वे ठीक से काम करते रहें. इस काम को करने के लिए शरीर प्रोटेक्शन के तौर पर वाहिकासंकुचन (Vasoconstriction) करता है.
इसका मतबल होता है कि हाथों और पैरों की रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) को सिकोड़ देता है. रक्त वाहिकाओं के सिकुड़ने से गर्म खून का फ्लो extremities (हाथ-पैर) की ओर कम हो जाता है. क्योंकि शरीर में गर्मी खून के कारण होती है. खून का फ्लो कम होने के कारण हाथों और पैरों के पास कम गर्मी पहुंचती है. जिससे वे तेजी से ठंडे हो जाते हैं और हाथ पैर में अधिक बहुत अधिक ठंड महसूस होती है.
इसके अलावा हाथ पैर का हिस्सा बाकि के अंग से थोड़े पतले होते हैं.इन अंगों में मांसपेशियों का मास (Muscle Mass) भी कम होता है, इसलिए वे आंतरिक रूप से बहुत कम गर्मी उत्पन्न कर पाते हैं. इसके अलावा शरीर के कोर अंग से भी हाथ पैर काफी दूर होते हैं जिसके वजह से भी ज्यादा गर्मी नहीं पहुंच पाती है.
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