
ऋषभ पंत की शनिवार की पारी में लोगों को दिल जीत लिया था (फाइल फोटो)
बेंगलुरू में शनिवार को दिल्ली डेयर डेविल्स ने ऋषभ पंत ने सबका दिल जीत लिया. बेशक पंत की अर्धशतकीय पारी के बावजूद दिल्ली की टीम को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के हाथों 15 रन की हार का सामना करना पड़ा लेकिन इस खब्बू बल्लेबाज ने जो जीवट दिखाया उसने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली की 'खास' पारी की याद ताजा कर दी. ब्रिस्टल में 18 साल पहले सचिन तेंदुलकर ने कीनिया के खिलाफ वर्ल्डकप-1999 के मैच में शतक जड़ा था. इस मैच से कुछ दिन पहले ही सचिन के पिता का निधन हुआ था और उन्हें इंग्लैंड से भारत लौटना पड़ा था. सचिन की मां ने उन्हें टीम इंडिया की 'ड्यूटी' पर वापस लौटने की प्रेरणा दी और फिर मास्टर ब्लास्टर ने ऐसी पारी खेली कि स्टेडियम में मौजूद हर शख्स में खड़े होकर उनका इस्तकबाल किया. इसी तरह की घटना 2007 में दिल्ली में रणजी ट्राफी मैच में हुई थी. विराट कोहली के पिता प्रेम कोहली का निधन कर्नाटक के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान हुआ था. दिल्ली की टीम मुश्किल में थी. विराट ने 97 रन बनाकर टीम को बचाया और फिर शाम को अपने पिता के अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया था।
बेंगलुरू का चिन्नास्वामी स्टेडियम भी इसी तरह की घटना का गवाह बना, सभी ने इसे देखा. कोई नहीं जानता कि दिल्ली के बाएं हाथ के बल्लेबाज ऋषभ पंत का करियर एक दशक बाद कैसा होगा लेकिन जहां तक मजबूत जज्बा दिखाने की बात है तो उन्होंने दिखा दिया कि वह इसमें सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के बराबर हैं. इस युवा खिलाड़ी के लिये अपने पिता का अंतिम संस्कार करके टी20 मैच के लिये टीम से जुड़ना आसान नहीं था. ऋषभ को बातचीत करना, हंसना, मजाक करना पसंद है, लेकिन बीती रात इस लड़के के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे और वह दिल्ली डेयरडेविल्स के लिये रायल चैलेंजर बेंगलूर के खिलाफ आईपीएल मैच के लिये क्रीज पर था. पंत ने 57 रन बनाये लेकिन वह टीम को हार से नहीं बचा सका.
इस युवा खिलाड़ी के लिए जिंदगी 48 घंटे में बदल गई. ब्रिस्टल में जब तेंदुलकर सुबह बल्लेबाजी के लिये उतरे थे तो दूसरे छोर पर उनके साथ राहुल द्रविड़ थे. संयोग देखिए कि वही द्रविड़ ऋषभ के कोच के तौर पर कल डगआउट में बैठे थे. ऋषभ ने अपने 50 रन का भी जश्न नहीं मनाया. अर्धशतक पूरा करने के बाद पारी के आखिरी ओवर में वे पवन नेगी की गेंद पर बोल्ड हो गए और इसके साथ ही दिल्ली की चुनौती ने 'दम' तोड़ दिया. (भाषा से इनपुट)
बेंगलुरू का चिन्नास्वामी स्टेडियम भी इसी तरह की घटना का गवाह बना, सभी ने इसे देखा. कोई नहीं जानता कि दिल्ली के बाएं हाथ के बल्लेबाज ऋषभ पंत का करियर एक दशक बाद कैसा होगा लेकिन जहां तक मजबूत जज्बा दिखाने की बात है तो उन्होंने दिखा दिया कि वह इसमें सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के बराबर हैं. इस युवा खिलाड़ी के लिये अपने पिता का अंतिम संस्कार करके टी20 मैच के लिये टीम से जुड़ना आसान नहीं था. ऋषभ को बातचीत करना, हंसना, मजाक करना पसंद है, लेकिन बीती रात इस लड़के के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे और वह दिल्ली डेयरडेविल्स के लिये रायल चैलेंजर बेंगलूर के खिलाफ आईपीएल मैच के लिये क्रीज पर था. पंत ने 57 रन बनाये लेकिन वह टीम को हार से नहीं बचा सका.
इस युवा खिलाड़ी के लिए जिंदगी 48 घंटे में बदल गई. ब्रिस्टल में जब तेंदुलकर सुबह बल्लेबाजी के लिये उतरे थे तो दूसरे छोर पर उनके साथ राहुल द्रविड़ थे. संयोग देखिए कि वही द्रविड़ ऋषभ के कोच के तौर पर कल डगआउट में बैठे थे. ऋषभ ने अपने 50 रन का भी जश्न नहीं मनाया. अर्धशतक पूरा करने के बाद पारी के आखिरी ओवर में वे पवन नेगी की गेंद पर बोल्ड हो गए और इसके साथ ही दिल्ली की चुनौती ने 'दम' तोड़ दिया. (भाषा से इनपुट)
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