सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश पर भ्रष्टाचार रोधी निकाय की हिरासत से रिहा होने के बाद शनिवार को पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने राष्ट्र के नाम संबोधन दिया. खान ने अपने संबोधन में पाक सेना को अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने की सलाह दी. देश के लिए कुछ बड़ा करने और आराजकता से बचने की सलाह दी. जिस तरह से सैन्य प्रतिष्ठान उनकी पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को कुचलने पर तुले हुए थे, उससे नाराज खान ने अपने संबोधन के दौरान सैन्य नेतृत्व से अपनी "पीटीआई-विरोधी नीति" की समीक्षा करने को कहा. खान ने कहा कि सेना के कदमों ने देश को पहले ही तबाही के कगार पर ला दिया है.
शुक्रवार को जमानत मिलने के बावजूद फिर से गिरफ्तारी के डर से खुद को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) परिसर में घंटों बंद रखने के बाद इमरान खान शनिवार को अपने लाहौर घर लौट आए. लाहौर के लिए रवाना होने से पहले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के 70 वर्षीय प्रमुख ने आईएचसी द्वारा सभी मामलों में जमानत दिए जाने के बावजूद "अपहरण के लिए सरकार" पर निशाना साधा. इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी के उस बयान पर निशाना साधते हुए जिसमें उन्होंने खान को 'पाखंडी' कहा था, पीटीआई प्रमुख ने कहा, 'मेरी बात सुनिए मिस्टर डीजी आईएसपीआर.. आप यहां नहीं थे.
मैं तब पैदा हुआ जब मैं दुनिया में अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहा था और इसके लिए अच्छा नाम कमा रहा था. मुझे पाखंडी और सेना विरोधी कहने के लिए आपको खुद पर शर्म आनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सेना की मीडिया शाखा आईएसपीआर ने (राजनेता के बारे में) ऐसी बातें कभी नहीं कही हैं. "आप राजनीति में कूद गए हैं. आप अपनी खुद की पार्टी क्यों नहीं बनाते हैं. आपको इस तरह के ओछे आरोप लगाने का अधिकार किसने दिया है. थोड़ी शर्म आनी चाहिए यह कहने के लिए कि किसी और ने सेना को उस हद तक नुकसान नहीं पहुंचाया, जितना मैंने किया, और वह आप हमें कुचल देंगे.
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