BJP vs AAP Clash : बुधवार और बृहस्पतिवार को आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पार्षदों के बीच जमकर विवाद हुए.
नई दिल्ली:
दिल्ली नगर निगम (MCD) को मेयर और डिप्टी मेयर तो बुधवार को मिल गया लेकिन स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों का चुनाव हंगामे के कारण नहीं हो पाया. बुधवार और बृहस्पतिवार को आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पार्षदों के बीच जमकर विवाद हुए. यहां तक की सदन के अंदर मारपीट, माइक तोड़ने के साथ-साथ सेब और पानी की बोतलें भी फेंकी गईं. आज फिर से सदन की कार्यवाही होने वाली है. देखना है कि आज भी स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों का चुनाव हो पाता है या नहीं.
- दिल्ली नगर निगम चुनाव के 80 दिन बाद दिल्ली को नया मेयर मिला है. आम आदमी पार्टी की शैली ओबेरॉय को मेयर चुना गया. शैली को 150 वोट मिले. उन्होंने भाजपा की रेखा गुप्ता को 34 वोटों से हराया.
- दिल्ली को 10 साल बाद महिला मेयर मिली है. वहीं, AAP के आले मोहम्मद इकबाल को डिप्टी मेयर चुना गया है. उन्हें 147 वोट मिले. उन्होंने BJP के कमल बागड़ी को हराया.
- भाजपा का कहना है कि आम आदमी पार्टी सदन नहीं चलने दे रही है. सदन में जहां भाजपा सदस्यों ने शांतिपूर्वक मतदान किया, वहां मेयर और डिप्टी मेयर निर्वाचित होने के बाद, आप की मेयर ने सदस्यों को स्थायी समिति के लिए मतदान करते समय मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति दी. वे क्रॉस वोटिंग से डरते हैं और सदस्यों को मतदान करते समय मोबाइल की अनुमति देते हैं. यह गुप्त मतदान का उल्लंघन है.
- आप के सांसद संजय सिंह ने कहा कि महिला मेयर के साथ बीजेपी के लोगों ने गुंडागर्दी की. अगर वहां मार्शल नहीं होते, तो अनहोनी हो जाती. बोतल, सेब और न जाने क्या क्या फेंक कर मारा.सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मेयर चुनाव करवा रही हैं, लेकिन ये हमलावर हो रहे हैं. ऐसा कभी किसी ने नहीं देखा. ये गुंडा पार्टी है. एक महिला कैसे मेयर बन गई... ये उनसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है. ये दृश्य जब लोगों के सामने जाएगा, तो भाजपा वाले मुंह नहीं दिखा पाएंगे.
- दिल्ली की मेयर शैली ओबरॉय ने पूरे मामले पर कल (बृहस्पतिवार) कहा कि भाजपा ने सदन का सम्मान नहीं किया, उन्होंने फिर से लोकतंत्र का सम्मान नहीं किया. यह शर्मनाक है. हम कल (शुक्रवार को) शांतिपूर्ण चुनाव की उम्मीद कर रहे हैं. हम क्रॉस वोटिंग से नहीं डरते, दिल्ली के लोगों ने हमें जनादेश दिया है. वे (BJP) चुनाव हार गए हैं, इसलिए वे डरे हुए हैं.
- दिल्ली नगर निगम में असली सरकार स्टैंडिंग कमेटी होती है. अभी स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों का चुनाव होना है. आम आदमी पार्टी ने चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे हुए हैं और बीजेपी ने तीन सीटों पर, जबकि सीटें केवल छह ही हैं. ऐसे में दोनों पार्टियों में से किसी एक के उम्मीदवार की हार तय है.
- बीजेपी को अपने सभी तीनों उम्मीदवारों को जिताने के लिए जितने वोट चाहिए, उसके पास उससे तीन वोट कम थे. मगर मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में जो वोटिंग का आंकड़ा आया है, वह बता रहा है कि बीजेपी ने तीन पार्षद मैनेज कर लिए हैं.
- इसका मतलब यह है कि सब कुछ अगर ऐसा ही रहा तो आम आदमी पार्टी को स्टैंडिंग कमेटी में एक सीट पर हार का सामना करना पड़ सकता है. अगर ऐसा हुआ तो आम आदमी पार्टी दिल्ली में चुनाव जीतकर भी स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में बीजेपी के साथ 3-3 सीटें जीतकर बराबरी पर दिखाई देगी और यह बीजेपी के लिए किसी जीत से कम नहीं होगा. ऐसा होने पर सारा ज़ोर जोन चुनाव पर हो जाएगा, जहां 12 सीटों पर बाद में चुनाव होंगे.
- स्टैंडिंग कमेटी दिल्ली नगर निगम की सबसे ताकतवर कमेटी होती है. इसके पास कई महत्वपूर्ण वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार होते हैं. स्टैंडिंग कमेटी की बैठक हर हफ्ते होती है. लगभग सभी महत्वपूर्ण मामले इस कमेटी से पास होकर फिर मेयर की अध्यक्षता वाले सदन में जाते हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी चाह रही है कि स्टैंडिंग कमेटी में भी उसका वर्चस्व रहे, ताकि वह जो भी प्रस्ताव लाए उसे पास होने में कोई परेशानी न हो.
- बता दें कि दिल्ली में MCD चुनाव 4 दिसंबर को हुए थे. इनका रिजल्ट 8 दिसंबर को आया था. चुनाव में 15 साल बाद भाजपा को MCD में बहुमत नहीं मिला था. 250 सीट के सदन में मेयर बनने के लिए 138 वोट चाहिए थे. मेयर चुनाव में 241 पार्षद, 10 सांसद और 14 विधायकों ने वोट डाले. 9 कांग्रेस पार्षदों ने चुनाव में हिस्सा नहीं लिया.