"निदेशक इस घटना पर लेक्चर क्यों दे रहे हैं?": IIT खड़गपुर रैगिंग को लेकर कोर्ट नाराज

कलकत्ता हाईकोर्ट ने आईआईटी खड़गपुर के डायरेक्टर को 20 दिसंबर को अगली सुनवाई के लिए तलब किया

अक्टूबर में हॉस्टल में फैजान अहमद का शव मिला था, उसने पहले रैगिंग को लेकर शिकायत की थी.

कोलकाता:

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर के डायरेक्टर को गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने तीन हफ्ते में दूसरी बार फटकार लगाई. रैगिंग की शिकायत पर कॉलेज की निष्क्रियता को लेकर उन्हें फटकार लगाई गई. रैगिंग के चलते कैंपस में एक छात्र की मौत हो गई है. रैगिंग की शिकायत पर की गई कार्रवाई को पढ़कर सुनाए जाने के बाद अदालत ने कहा, "क्या आपने रिपोर्ट में यह बताया है कि क्या कार्रवाई की गई है? डायरेक्टर यहां भाषण क्यों दे रहे हैं? एक शिकायत मिली थी और सभी वार्डन ने उन्हें (छात्रों को) चेतावनी दी थी."

जजों ने कहा, "हमने यह रिपोर्ट मांगी है कि उसने क्या किया है. उसने कुछ नहीं किया है... हमने आपके मुवक्किल से छात्रों के नाम बताने को कहा. अदालत ने आपसे इसमें शामिल छात्रों के नाम बताने को कहा." आईआईटी खड़गपुर के वकील ने जवाब दिया, "हम छात्रों की पहचान नहीं कर सके."

नाराज अदालत ने डायरेक्टर को 20 दिसंबर को अगली सुनवाई में तलब किया. कोर्ट ने कहा, "क्या हो रहा है? आपका मुवक्किल अदालत के साथ खिलवाड़ कर रहा है. डायरेक्टर अगली सुनवाई में उपस्थित हों... डायरेक्टर यहां तथ्यों को छुपाने की कोशिश कर रहे हैं."

कोर्ट ने कहा, "वह भाषण दे रहे हैं, लेकिन वे छात्रों का नाम या पता नहीं लगा सकते हैं. वे किस तरह का डायरेक्टर हैं?" कोर्ट ने कहा, "अगर आईआईटी ने फरवरी की घटना के बाद कदम उठाए होते तो शायद ऐसा नहीं होता."

तीन हफ्ते पहले, अदालत ने परिसर में एक छात्र की मौत पर, इसे रैगिंग का मामला होने का संदेह जताते हुए संस्थान के प्रशासन और डायरेक्टर की खिंचाई की थी. 14 अक्टूबर को असम के एक 23 वर्षीय मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र फैजान अहमद का सड़ा हुआ शव आईआईटी खड़गपुर के एक छात्रावास के कमरे में मिला था. पुलिस ने दावा किया था कि उसने आत्महत्या कर ली है.

उसके परिवार ने आरोप लगाया कि उसकी रैगिंग की गई थी और आईआईटी खड़गपुर के प्रबंधन ने उनकी शिकायतों को अनसुना कर दिया गया था. उन्होंने कहा था, "यह हत्या का एक स्पष्ट मामला है."

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अदालत ने आईआईटी खड़गपुर के डायरेक्टर से फरवरी में की गई रैगिंग की शिकायतों पर उठाए गए कदमों और क्या रैगिंग पर सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन किया गया था, इस बारे में एक रिपोर्ट मांगी.