
- मुंबई की मीठी नदी का जलस्तर मानसून के दौरान लगातार बढ़ रहा है, जिससे लोगों पर खतरा मंडराने लगा है
- 2005 में मुंबई में हुई भारी बारिश के दौरान मीठी नदी ने बाढ़ जैसी तबाही मचाई थी, जिसमें हजारों लोगों की मौत हुई
- मीठी नदी की सफाई के लिए बीएमसी के शुरू किए गए प्रोजेक्ट में 65 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ था
Mithi River Flood Alert: मुंबईकर्स के लिए मानसून हर साल काफी परेशानी के साथ आता है. सड़कों पर हर तरफ पानी और भयंकर जाम से मुंबई के लोग परेशान रहते हैं. इसी बीच एक नदी भी इस सीजन में मुंबई को हमेशा डराती है, जिसका नाम मीठी नदी है. इस नदी के नाम पर मत जाइए, क्योंकि ये लोगों की जिंदगी में मिठास नहीं बल्कि कड़वाहट घोल देती है. एक बार फिर मीठी नदी चर्चा में है और इसका लगातार बढ़ रहा जलस्तर लोगों को कई साल पहले आई आपदा की याद दिला रहा है. आइए जानते हैं कि कैसे आपदा से लेकर घोटाले तक ये नदी हमेशा चर्चा में रही और इसका नाम मीठी नदी कैसे पड़ा.
मुंबई में मीठी नदी को लेकर हाई अलर्ट
मुंबई में मीठी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और इसके आसपास रहने वाले लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है. प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और नदी के किनारे न जाने की अपील की है. बताया गया है कि मीठी नदी का जलस्तर 3.9 मीटर तक बढ़ गया है और कुर्ला क्रांति नगर से 350 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस लगातार स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और सभी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है. मीठी नदी का पानी कई स्टेशन के ट्रैक पर है. कुर्ला ,साइन ,चुना भट्टी ,स्टेशन के ट्रैक्स पर पानी भरने की वजह से लोकल को सेवा ठप हुई है.
नदी के बारे में पहले नहीं जानते थे लोग
मुंबई का नाम सुनते ही भले ही आपके मन में समंदर की लहरें और खारा पानी आता हो, लेकिन यहां एक नदी भी बहती है, जिसका पानी खारा नहीं है. इस नदी को लोग कुछ साल पहले तक एक छोटे से नाले के तौर पर जानते थे, यानी ये दिखती तो थी, लेकिन लोग इसे नजरअंदाज कर देते थे. मुंबई के ज्यादातर लोगों को इसका नाम तक पता नहीं था, लेकिन 2005 में कुछ ऐसा हुआ कि इस नदी का नाम हर किसी की जुबां पर आ गया.
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2005 में मचाई तबाही
ये मीठी नदी 18 किमी लंबी है और मुंबई के पवई से लेकर शहर के बीचोंबीच से होते हुए माहिम की खाड़ी तक बहती है. इस नदी ने 26 जुलाई 2005 को अपना तांडव दिखाया था. इस दिन मुंबई में सबसे खतरनाक बारिश हुई थी और इस नदी ने रौद्र रूप लेकर कई इलाकों को तहस नहस कर दिया. तब मुंबई ने 24 घंटों में 944 मिमी बारिश दर्ज की थी.
- इस हादसे ने पूरे शहर को भारी नुकसान पहुंचाया और कई लोगों की मौत हुई.
- इस हादसे में एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई और 14 हजार से ज्यादा घर बर्बाद हुए, जिससे हजारों लोग बेघर हुए.
- इस जल प्रलय में 52 लोकल ट्रेनें, 4 हजार से ज्यादा टैक्सी, 37 हजार ऑटो रिक्शा और बेस्ट की 900 बसों को भारी नुकसान पहुंचा था.
घोटाले को लेकर फिर चर्चा में आई नदी
2005 की आपदा के बाद मीठी नदी का नाम हर किसी के जहन में बस गया था, इसके बाद हर साल मानसून में इसका जलस्तर बढ़ने पर इसकी चर्चा होती रही. हालांकि ये देशभर में एक बार फिर चर्चा में तब आई जब इसके नाम पर करोड़ों का घोटाला सामने आया. दरअसल मीठी नदी में जमा गंदगी को ही हर बार जलजमाव का कारण बताया गया, जिसके बाद बीएमसी की तरफ से इस नदी की गाद निकालने के लिए एक बड़ा प्रोजेक्ट तैयार किया गया.
65 करोड़ का हुआ घोटाला
इस पूरे प्रोजेक्ट में कई तरह की अनियमितता सामने आती है और बताया जाता है कि काम सिर्फ कागज में हुआ और नदी में कोई भी काम नहीं किया गया. फर्जी बिल बनाकर भुगतान हुआ और जमकर लूट हुई. इसमें 65 करोड़ के घोटाले की बात सामने आई. इस मामले में पहले मुंबई पुलिस ने एसआईटी बनाई और इसके बाद मुंबई पुलिस की इकनॉमिक ऑफेंसेस विंग ने मामले को अपने पास लिया, बाद में ईडी की भी इसमें एंट्री हुई.
- निजी कंपनियों को टेंडर दिए जाते थे और वो काम करने का दावा करती रहीं. इसके लिए बजट भी जारी होता रहा.
- घोटाले की जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि इसमें कई मिडिल मैन सामने आए, जिन्होंने कई फर्जी दस्तावेज बनाए.
- इस मामले में 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई. इसमें बीएमसी अधिकारी, मिडिल मैन और प्राइवेट कंपनियां शामिल थीं.
एक्टर डीनो मोरिया का आया नाम
इस मीठी नदी घोटाले के मामले में बॉलीवुड एक्टर डीनो मोरिया का भी नाम सामने आया. जिसके बाद उनसे EOW ने लगातार 8 घंटे तक पूछताछ की. जिन दो मिडिल मैन को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, उनमें से एक की जांच करते हुए कुछ दस्तावेज मिले थे, जिसमें डीनो मोरिया और उनके भाई की कंपनी का नाम सामने आया था. इसमें कुछ कॉल रिकॉर्ड भी शामिल हैं.
कैसे पड़ा मीठी नदी नाम?
अब उस सवाल का जवाब भी जान लीजिए कि इस नदी का नाम मीठी नदी कैसे पड़ा. दरअसल मुंबई के आसपास समंदर है, जिसका पानी काफी खारा यानी नमकीन होता है. वहीं मुंबई में एक ऐसी नदी का बहना, जिसका पानी मीठा है ये लोगों के लिए काफी राहत वाली बात थी. यही वजह है कि वहां रहने वाले लोकल लोगों ने नदी को मीठी नदी के नाम से बुलाना शुरू कर दिया, जिसके बाद ये नाम चलन में आ गया और आज सभी इसे मीठी नदी के नाम से ही जानते हैं.
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