अतीक और अशरफ की हत्या की प्लानिंग कब और क्यूं की गई, हत्या को कैसे दिया गया अंजाम? जानें

तीनों आरोपियों ने मीडिया का हिस्सा बनने का नाटक किया और फिर करीब से गोलियां चलाईं. अरुण मौर्य ने पहली गोली अतीक के सिर में मारी. हत्यारों ने 20 से ज्यादा राउंड फायरिंग की.

अतीक और अशरफ की हत्या की प्लानिंग कब और क्यूं की गई, हत्या को कैसे दिया गया अंजाम? जानें

अतीक और अशरफ की हत्या करने का आरोप लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य पर लगा है.

प्रयागराज::

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई. हत्या के आरोप में पुलिस ने तीन लोगों को पकड़ा है. सूत्रों ने रविवार को बताया कि अतीक और अशरफ की हत्या सुनियोजित थी. तीनों हत्या के आरोपियों ने फर्जी पहचान पत्र और एक कैमरे के साथ पत्रकारों के रूप में पूरे दिन अतीक और अशरफ का पीछा किया था. पुलिस के मुताबिक, हमलावरों लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य ने कबूल किया है कि वे अतीक अहमद को खत्म करना चाहते थे और अंडरवर्ल्ड में मशहूर होना चाहते थे. वे गुरुवार को प्रयागराज पहुंचे और एक लॉज में ठहरे. पुलिस लॉज के मैनेजर से पूछताछ कर रही है.

ऐसे की हत्या...
हत्यारों ने कहा है कि उन्होंने यह जानने के बाद हमले की योजना बनाई कि अतीक और अशरफ पुलिस हिरासत में हैं और उन्हें चिकित्सा जांच के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा है. उन्होंने तय किया कि पत्रकारों के रूप में प्रस्तुत करके वे अतीक के बहुत करीब जाएंगे. इसके बाद तीनों ने शनिवार को पूरे दिन अन्य पत्रकारों के साथ अतीक और अशरफ पर नज़र रखी. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रात करीब 10 बजे प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू संभागीय अस्पताल के बाहर जब हथकड़ी लगाए अतीक और अशरफ को गेट से अंदर ले जाया जा रहा था, तो इन तीनों आरोपियों ने मीडिया का हिस्सा बनने का नाटक किया और फिर करीब से गोलियां चलाईं. अरुण मौर्य ने पहली गोली अतीक के सिर में मारी. हत्यारों ने 20 से ज्यादा राउंड फायरिंग की. अतीक और अशरफ की मौके पर ही मौत हो गई. इस बीच पुलिस की तरफ से गोली नहीं चली.

...आत्मसमर्पण कर दिया
पुलिस ने कहा है कि उन्होंने हमलावरों के पास से तीन फर्जी मीडिया आईडी कार्ड, एक माइक्रोफोन और एक कैमरा बरामद किया है. हमलावरों ने गोली मारने के बाद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. लवलेश के पैर में एक गोली लगी थी और वह अस्पताल में है. अतीक अहमद उत्तर प्रदेश के फूलपुर निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व सांसद थे. उसके खिलाफ हत्या, अपहरण और जबरन वसूली सहित 90 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे. उस पर 2018 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एक प्रोफेसर के साथ मारपीट करने का भी आरोप था. वह 2019 में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गुजरात की जेल में बंद था. उसका भाई अशरफ भी गैंगस्टर था और उस पर भी कई मामले दर्ज थे. उसे उत्तर प्रदेश पुलिस ने हत्या के एक मामले में शुक्रवार को गिरफ्तार किया था. झांसी जिले में बुधवार को पुलिस के साथ मुठभेड़ में उनके बेटे और भतीजे असद अहमद के मारे जाने के कुछ दिनों बाद अतीक और अशरफ की मौत हुई.

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