- प्रधानमंत्री कार्यालय में पीएम मोदी, अमित शाह और राहुल गांधी के बीच 88 मिनट की बैठक बुधवार दोपहर हुई.
- राहुल ने संवैधानिक संस्थाओं की नियुक्तियों में दलित, आदिवासी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों की उपेक्षा पर आपत्ति जताई.
- राहुल गांधी ने कहा कि 90 फीसदी आबादी को स्वायत्त संस्थाओं की नियुक्तियों से बाहर रखा जा रहा है.
PM मोदी और अमित शाह ने प्रधानमंत्री कार्यालय के एक कमरे में राहुल गांधी के साथ 88 मिनट तक बैठक की. जानकारी के मुताबिक, बैठक बुधवार दोपहर 1 बजकर 7 मिनट से हुई थी, जो करीब ढाई बजे तक चली. इसके बाद कयास लगाए जाने लगे कि आखिर इस बैठक में क्या हुआ? बैठक में क्या हुआ, ये सामने आ गया है.
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राहुल गांधी ने इन चीजों पर जताई असहमति
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्य सूचना आयुक्त, 8 सूचना आयुक्त और 1 सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति को लेकर चयन समिति की बैठक में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के सामने देश की 90 फीसदी यानी दलित, आदिवासी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय को बाहर रखने के ख़िलाफ़ आपत्ति जताई. राहुल गांधी ने कहा कि संवैधानिक और स्वायत्त संस्थाओं में पहले और मौजूदा नियुक्तियों में 90 प्रतिशत आबादी को व्यवस्थित तरीके से बाहर रखा जा रहा है.
पीएम मोदी ने जताई राहुल गांधी की मांग पर सहमति
कई हफ्तों पहले नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सरकार से आवेदनों से जुड़े जातीय रचना की जानकारी मांगी थी. सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक, आज इसकी जानकारी देने के साथ सरकार ने स्वीकार किया कि शार्टलिस्ट किए गए दस में से केवल एक उम्मीदवार ही बहुजन समाज से ताल्लुक रखते हैं. नेता विपक्ष द्वारा इस मुद्दे को उठाने के बाद पीएम और गृहमंत्री ने सीमित आवेदनों में से इस पहलू को ध्यान में रखकर कुछ नियुक्तियों पर विचार करने पर सहमति जताई. राहुल गांधी के असहमति पत्र पर सरकार कितना विचार करेगी यह तो नियुक्तियों के एलान के बाद ही स्पष्ट होगा.
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