SIR पर लोकसभा मे अमित शाह का जवाब.
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में चुनाव सुधार पर विपक्ष के सवालों का डेढ़ घंटे तक जवाब दिया.
- अमित शाह ने चुनाव आयोग के गठन और शक्तियों को संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत बताया और उसका इतिहास समझाया.
- उन्होंने कांग्रेस के तीन प्रमुख वोट चोरी के आरोपों का उदाहरण देते हुए उनका पुराना इतिहास भी लोकसभा में बताया.
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नई दिल्ली:
Amit Shah in Lok Sabha on Election Reform: संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा में चुनाव सुधार पर चली चर्चा का जवाब बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिया. अमित शाह लोकसभा में चुनाव सुधार पर विपक्षी सदस्यों के उठाए गए सवालों पर एक घंटा 30 मिनट बोले. राहुल गांधी की लोकसभा में उठाए गए सवालों के साथ-साथ प्रेस कॉफ्रेंस में लगाए गए आरोपों पर भी अमित शाह ने इस लंबे भाषण में जवाब दिया. अमित शाह ने वोट चोरी, EVM, चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रकिया, भारत में घुसपैठ सहित अन्य कई मुद्दों पर अपनी बात रखी.
अमित शाह के बुधवार शाम करीब 4 बजकर 56 मिनट से बोलना शुरू किया, वो 6.26 तक बोलते रहे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डेढ़ घंटे लंबे भाषण की 10 बड़ी बातें क्या रहीं, आइए जानते हैं.
- अमित शाह ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा- SIR पर 4 महीने से एकतरफा झूठ फैलाया जा रहा है. देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया. मैंने SIR की प्रक्रिया का, इससे जुड़े हुए संवैधानिक अनुबंधों का और भूतकाल में जो SIR हुए हैं उसका गहन अध्ययन किया है. जो झूठ विशेषकर कांग्रेस पार्टी द्वारा फैलाया गया, उसका तर्कों के हिसाब से जवाब देना चाहता हूं.
- अमित शाह ने कहा संविधान के अंदर चुनाव आयोग का गठन, उसकी शक्तियां, चुनावी प्रक्रिया, मतदान की परिभाषा के बारे में स्पष्ट प्रावधान है. प्रावधान जब किए गए तब हमारी पार्टी नहीं बनी थी. हमारी पार्टी के अलावा जो लोग हैं, इन लोगों ने संविधान सभा में चर्चा करके इसे बनाया. चुनाव आयोग को फ्री एंड फेयर इलेक्शन कराने की जिम्मेदारी है. अनुच्छेद 324 में चुनाव आयोग के गठन, चुनाव आयुक्त की नियुक्ति का प्रावधान है.

- चुनाव सुधार पर चर्चा करते हुए अमित शाह ने SIR का इतिहास बताया. अमित शाह ने कहा कि एसआईआर आज क्यों हो रहा है, इतिहास बताते हैं तो नाराज हो जाते हैं. कोई भी देश इतिहास को छोड़कर कैसे आगे बढ़ सकता है. हमारे लोकतांत्रिक इतिहास की शुरुआत 1952 से हुई.
पहला एसआईआर 1952 में हुआ. उस वक्त पीएम कौन थे- नेहरू.
कांग्रेस पार्टी से दूसरा 1957 में हुआ और पीएम नेहरू थे.
1961 में उसमें भी नेहरू भी पीएम थे.
1965-66 में भी हुआ उस वक्त शास्त्री.
1983-84 में इंदिरा के समय एसआईआर हुआ.
1985-89 में राजीव गांधी के समय में हुआ.
1992-93, 95 में नरसिम्हा राव के समय में हुआ.
2002-03 में अटल बिहारी वाजपेयी के समय में हुआ.
2004 में एसआईआर समाप्त हुआ तब मनमोहन सिंह पीएम थे. दो साल बीजेपी के पीएम थे और एक साल मनमोहन सिंह थे. 2004 के बाद सीधा 2025 में एसआईआर हो रहा है, इस बार हम हैं. आज तक इस प्रक्रिया का 2004 तक किसी भी दल ने विरोध नहीं किया. SIR चुनाव को पवित्र रखने की प्रक्रिया है.
- अमित शाह ने राहुल गांधी के आरोपों का भी जवाब दिया. अमित शाह ने कहा विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 5 नवंबर 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में परमाणु बम फोड़ा. उस परमाणु बम के अंदर उन्होंने कहा कि हरियाणा में एक ही परिवार के 500 वोट पड़ गए. चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण दिया कि हाउस नंबर 265 कोई छोटा मकान नहीं है. एक एकड़ के पुश्तैनी प्लॉट में अनेक परिवार बसे हैं. उसमें हर परिवार के घर का नंबर नहीं दिया गया है. इसलिए सब जगह हाउस नंबर 501 दिया गया. जब हरियाणा में कांग्रेस की सरकार चुनी गई, यह नंबर इसी तरह से चल रहा है. यह कोई न फर्जी घर है, न फर्जी वोटर.
- राहुल गांधी के सवालों पर अमित शाह ने कहा- मैं 30 साल से विधानसभा और संसद में चुनकर आता हूं, मुझे लंबा अनुभव है. नेता विपक्ष कहते हैं कि पहले आप मेरी बात का जवाब दीजिए. आपकी मुंसफी से संसद नहीं चलेगी. मेरे यहां बोलने का क्रम मैं तय करूंगा. इस तरह से नहीं चलेगी संसद. उनको धैर्य रखना चाहिए मेरा जवाब सुनने का. इनकी एक एक बात का मैं जवाब दूंगा. मगर मेरे भाषण का क्रम् ये तय नहीं कर सकते.

- अमित शाह ने कहा हम भी विपक्ष में बैठे हैं. हम चुनाव जीतने से ज्यादा हारा है. हमलोगों का समय तो विपक्ष में ही चला गया. हमने चुनाव आयोग पर कभी आरोप नहीं लगाए. एक नया पैटर्न खड़ा हुआ. मैं पूरा वाक्य नहीं बताना चाहता, ममता, सतीश, राहुल, खरगे, तेजस्वी यादव, अखिलेश, बी सिवन कुट्टी, सोरेने, मान ने आरोप लगाए. पहले ये मामला केवल कांग्रेस में था लेकिन संपर्क का असर है कि अब सब इंडिया गठबंधन वाले आरोप लगा रहे हैं. अमित शाह ने आगे कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है. संवैधानिक प्रक्रिया पर सवाल खड़े करके और अर्नलगल आरोप करके एक प्रकार से पूरी दुनिया में इसकी छवि को धूमिल करने का काम कर रहे हैं.

- लोकसभा में चुनाव सुधार पर अमित शाह ने कांग्रेस की तीन वोट चोरी के बारे में बताया. कांग्रेस की पहली वोट चोरी अमित शाह ने कहा कि वोट चोरी की जहां तक बात है, प्रधानमंत्री कौन बनेगा, यह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों के वोट से तय हुआ. 28 प्रदेश अध्यक्षों ने सरदार पटेल के लिए वोट किया और दो ने पंडित नेहरू के लिए. पंडित नेहरू प्रधानमंत्री बने. कांग्रेस की दूसरी वोट चोरी- दूसरी वोट चोरी अनैतिक तरीके से चुनाव जीतना. इंदिरा गांधी रायबरेली से चुनाव जीतीं और राजनारायण कोर्ट गए. कोर्ट ने तय कर दिया कि इंदिरा गांधी अनैतिक तरीके से जीतीं. इसे ढंकने के लिए संसद में कानून लाया गया कि प्रधानमंत्री के खिलाफ केस ही नहीं चल सकता. कांग्रेस की तीसरी वोट चोरी- योग्यता नहीं है और मतदाता बन गए. अभी अभी एक वाद पहुंचा है कि सोनिया गांधी इस देश का नागरिक बनने से पहले मतदाता थीं. विपक्ष के हंगामे पर शाह ने कहा कि केस चल रहा है, ये फैक्चुअल है. जवाब तो सोनिया गांधी को कोर्ट में देना है.
- अमित शाह ने कहा 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी. तीन लोकसभा हम चुनाव जीते, 41 राज्यों के हम चुनाव जीते. हम 44 चुनाव जीते. टोटल 2014-25 वो भी 30 जगहों पर चुनाव जीते, अगर मतदाता सूची गलत है तो कैसे चुनाव जीता, क्यों शपथ लिया. राहुल गांधी जिस जगह से चुनाव जीते हैं वो वायनाड की मतदाता सूची ने मेरी पार्टी किसी प्रकार की डिस्क्रपेंसी नहीं बताया है, इसका कोई जवाब नहीं है. हमने अमेठी का भी बताया है इसका जवाब नहीं देते हैं. चुनाव में जो थोड़ी बहुत गलती होती है उसको कारण नहीं बना सकते हैं.

- अमित शाह ने कहा कि ये सिर्फ प्रेस में आरोप लगाते हैं. न अदालत जाते हैं न चुनाव आयोग में जाते हैं. अमित शाह ने ईवीएम टेस्टिंग का उदाहरण बताते हुए कहा कि 2017 में चुनाव आयोग फिर इस निर्णय पर पहुंचा कि आने वाला सब चुनाव ईवीएम से होगा. मैं भी थोड़ा जागरूक हूं जब चुनाव आयोग कह रहा कि कुछ नहीं हो रहा है तो मैंने सोचा कि फिर आरोप क्यों लग रहे हैं. मैंने सोचा कि कुछ गलती नहीं है. फिर मुझे याद आया जब इनके जमाने में चुनाव होते थे बिहार और यूपी में चुनाव होती थी पूरे बक्से हाईजैक हो जाते थे, ईवीएम आने से ये बंद हो गया, चुनाव आयोग की चोरी बंद हो गई है इसलिए पेट में दर्द हो रहा है, ईवीएम का दोष नहीं है चुनाव जीतने का जीतने का तरीका जनादेश नहीं था, गलत प्रक्टिस नहीं है, जनादेश से चुनाव नहीं जीत पा रहे हैं.

- अमित शाह ने कहा- राहुल ने कहा कि अहम पद पर आरएसएस की विचारधारा के लोग आसीन है. क्या इस देश में आरएसएस की विचारधारा के लोग महत्वपूर्ण पद पर आसीन नहीं हो सकता है, क्या कोई कानून बना है कि ऐसा हो. हमारा पीएम ही आरएसएस का है, इस देश का गृह मंत्री भी आरएसएस की विचारधारा का है. अमित शाह ने फिर कहा- वोट चोरी करने नहीं जीते, आपने सर्जिकल स्ट्राइक का विरोध किया इसलिए जीते, आपने एयर स्ट्राइक का विरोध किया, इसलिए जीते, आपने 370 हटाने का विरोध किया इसलिए जीते, आपने राम मंदिर बनाने का विरोध किया, इसलिए जीते, आपने घुपैठियों को हटाने का विरोध किया इसलिए जीते. आपने सीएए का विरोध किया इसलिए जीते, आपने ट्रिपल तलाक का विरोध किया इसलिए जीते, आप वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध किया इसलिए जीते.
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