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आसमान से समुद्र तक दुश्मन को सबक सिखाने का दम, मल्टी-रोल फाइटर जेट... तेजस के बारे में जानें सबकुछ

तेजस Mk1 का एडवांस वर्जन जल्द ही भारतीय वायुसेना को मिलने वाला है. तेजस Mk2 भी जल्द ही भारतीय वायुसेना में शामिल होगा. 4.5 पीढ़ी का मल्टी रोल फाइटर जेट है, इसमें जनरल इलेक्ट्रिक के एफ-414 इंजन फिट किए जाएंगे.

आसमान से समुद्र तक दुश्मन को सबक सिखाने का दम, मल्टी-रोल फाइटर जेट... तेजस के बारे में जानें सबकुछ
तेजस लड़ाकू विमान के बारे में जानें.
  • दुबई एयरशो में भारतीय स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस टेकऑफ के बाद तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
  • तेजस विमान का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने किया है और यह 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है.
  • तेजस विमान हवाई, जमीन और समुद्री हमलों में सक्षम है तथा 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है.
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दुबई एयरशो में भारतीय लड़ाकू विमान तेजस क्रैश हो गया. इस हादसे में पायलट की मौत हो गई. सामने आए वीडियो में तेजस लड़ाकू विमान के टेक ऑफ के कुछ देर बाद जमीन पर गिरता दिखाई दे रहा है. पहली नजर में ऐसा लग रहा है कि जैसे टेकऑफ के बाद इसमें कुछ तकनीकी खराबी आ गई हो. इस बीच भारत के इस लड़ाकू विमान की चर्चा तेज हो गई है. तेजस एयरक्राफ्ट कहां बना, इसकी क्षमताएं क्या हैं, इसके बारे में जानें कब कुछ.

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तेजस लड़ाकू विमान कहां बना?

तेजस एक हल्का भारतीय लड़ाकू विमान है. एक सीट और एक जेट इंजन वाले इस स्वदेशी एयरक्राफ्ट का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने किया है. यह 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है.

तेजस लड़ाकू विमान की खासियत जानें

तेजस लड़ाकू विमान हवाई रक्षा, जमीन पर हमला और समुद्री हमले में परी तरह सक्षम है. तेजस विमान 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है. इसमें दुश्मन पर हमला करने के लिए हवा से हवा में मार करने वाली डर्बी मिसाइल लगी है. वहीं जमीन पर निशाने लगाने के लिए आधुनिक लेजर गाइडेड बम इस लड़ाकू विमान में लगे हैं. ताकत में तेजस पुराने मिग से कहीं ज्यादा आगे है. इसकी तुलना मिराज 2000 से की जाए तो गलत नहीं होगा.

कलाबाजी दिखाने में माहिर है तेजस लड़ाकू विमान

तेजस का फ्लाइट कंट्रोल सिस्‍टम कलाबाजी दिखाने में माहिर है. इस विमान का ढांचा कार्बन फाइबर से बना हुआ है, जो इसे धातु की तुलना में बहुत हल्‍का और मजबूत बनाता है. . इसके भीतर सेंसर तरंग रडार लगा है, जो दुश्‍मन के विमान से लेकर जमीन से हवा में दागी गई मिसाइल पास आने की खबर देने में सक्षम है.

तेजस MK1 पहले से ही भारतीय वायुसेना के पास था,  तेजस MK1A इसका एडवांस वर्जन है. इसे नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे ये और भी ज्यादा ताकतवर हो गया है.

तेजस लड़ाकू विमान कब बना?

एयरक्राफ्ट का आधिकारिक नाम तेजस 4 मई 2003 को तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था. तेजस सीरीज का उत्पादन 2007 में शुरू हुआ था. तेजस की पहली यूनिट का निर्माण 1 जुलाई 2016 को भारतीय वायुसेना ने किया था. वहीं 1 अप्रैल 2020 को तेजस की दूसरी स्क्वाड्रन का निर्माण हुआ.

तेजस का एडवांस वर्जन कब आएगा?

वहीं तेजस Mk1 का एडवांस वर्जन जल्द ही भारतीय वायुसेना को मिलने वाला है. तेजस Mk2 भी जल्द ही भारतीय वायुसेना में शामिल होगा. 4.5 पीढ़ी का मल्टी रोल फाइटर जेट है, इसमें जनरल इलेक्ट्रिक के एफ-414 इंजन फिट किए जाएंगे. यह स्वदेशी उत्तम एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार से लैस होगा. तेजस- Mk2 हवा से हवा से मार करने वाली अस्त्र-एमके-2 मिसाइल, हवा से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस एनजी, एंटी रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-2 और Meteor जैसी BVRAAM जैसी मिसाइलों से लैस होगा.

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