नई दिल्ली:
भारत में खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दिलाने के लिए वालमार्ट द्वारा अमेरिका में लॉबिंग किए जाने के मुद्दे पर मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। सभी विपक्षी दलों ने एक सुर से इस मामले की जांच कराने की मांग की।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के खिलाफ हमला बोलते हुए वालमार्ट मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग की।
भाजपा सांसद यशवंत सिन्हा ने लोकसभा में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह एक शर्मनाक मामला है।
सिन्हा ने कहा, "इस मामले की निर्धारित अवधि के भीतर न्यायिक जांच होनी चाहिए।" उन्होंने कहा कि जांच रपट सार्वजनिक की जानी चाहिए अन्यथा भाजपा लगातार इस मामले को संसद में उठाती रहेगी।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), तृणूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), आल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके), बीजू जनता दल (बीजद), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (युनाइटेड) ने भी लोकसभा में इस मुद्दे पर से रहस्य का पर्दा हटाने के लिए एक समयबद्ध जांच की मांग की।
संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार जांच के लिए तैयार है।
कमलनाथ ने संसद के दोनों सदनों में कहा, "हमें इस मामले की जांच कराने में कोई संकोच नहीं है। हम चर्चा के लिए तैयार हैं। सरकार इस मुद्दे को लेकर चिंतित है। हम इस मामले में तथ्यों की जानकारी चाहते हैं।"
दूसरी ओर कांग्रेस ने इस मुद्दे पर भाजपा की आलोचना की और उससे इस मुद्दे पर सबूत मांगे।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, "भाजपा या किसी अन्य के पास यदि कोई सबूत है तो वह इसे सार्वजनिक करे।"
तिवारी ने कहा, "सिर्फ इसलिए कि इससे सम्बंधित रिपोर्ट कहीं प्रकाशित हुई है, जो आपके (भाजपा) राजनीतिक हितों की पूर्ति करती है और चूंकि आप संसद के दोनों सदनों में एफडीआई पर हुए मतदान में हार गए हैं, इसलिए आप इस मुद्दे को उठा रहे हैं।"
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सुबह जैसे ही शुरू हुई, भाजपा सदस्य नारेबाजी करने लगे और प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग करने लगे। भाजपा सदस्यों ने सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा और पूछा कि कितने पैसे भारत में लॉबिंग पर खर्च किए गए।
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि वह विपक्ष को बाद में यह मुद्दा उठाने का समय देंगी। लेकिन वे शांत नहीं हुए। इसके बाद मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक और उसके बाद अपराह्न् दो बजे तक स्थगित कर दी।
राज्यसभा में भी यही स्थिति रही। भाजपा के सदस्य अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते रहे, जिसके बाद सभापति हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
अंसारी ने बार-बार के व्यवधानों के कारण प्रश्नकाल का समय बदलने का प्रस्ताव किया।
संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई, जिसमें इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने का निर्णय लिया गया था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के खिलाफ हमला बोलते हुए वालमार्ट मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग की।
भाजपा सांसद यशवंत सिन्हा ने लोकसभा में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह एक शर्मनाक मामला है।
सिन्हा ने कहा, "इस मामले की निर्धारित अवधि के भीतर न्यायिक जांच होनी चाहिए।" उन्होंने कहा कि जांच रपट सार्वजनिक की जानी चाहिए अन्यथा भाजपा लगातार इस मामले को संसद में उठाती रहेगी।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), तृणूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), आल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके), बीजू जनता दल (बीजद), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (युनाइटेड) ने भी लोकसभा में इस मुद्दे पर से रहस्य का पर्दा हटाने के लिए एक समयबद्ध जांच की मांग की।
संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार जांच के लिए तैयार है।
कमलनाथ ने संसद के दोनों सदनों में कहा, "हमें इस मामले की जांच कराने में कोई संकोच नहीं है। हम चर्चा के लिए तैयार हैं। सरकार इस मुद्दे को लेकर चिंतित है। हम इस मामले में तथ्यों की जानकारी चाहते हैं।"
दूसरी ओर कांग्रेस ने इस मुद्दे पर भाजपा की आलोचना की और उससे इस मुद्दे पर सबूत मांगे।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, "भाजपा या किसी अन्य के पास यदि कोई सबूत है तो वह इसे सार्वजनिक करे।"
तिवारी ने कहा, "सिर्फ इसलिए कि इससे सम्बंधित रिपोर्ट कहीं प्रकाशित हुई है, जो आपके (भाजपा) राजनीतिक हितों की पूर्ति करती है और चूंकि आप संसद के दोनों सदनों में एफडीआई पर हुए मतदान में हार गए हैं, इसलिए आप इस मुद्दे को उठा रहे हैं।"
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सुबह जैसे ही शुरू हुई, भाजपा सदस्य नारेबाजी करने लगे और प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग करने लगे। भाजपा सदस्यों ने सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा और पूछा कि कितने पैसे भारत में लॉबिंग पर खर्च किए गए।
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि वह विपक्ष को बाद में यह मुद्दा उठाने का समय देंगी। लेकिन वे शांत नहीं हुए। इसके बाद मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक और उसके बाद अपराह्न् दो बजे तक स्थगित कर दी।
राज्यसभा में भी यही स्थिति रही। भाजपा के सदस्य अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते रहे, जिसके बाद सभापति हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
अंसारी ने बार-बार के व्यवधानों के कारण प्रश्नकाल का समय बदलने का प्रस्ताव किया।
संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई, जिसमें इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने का निर्णय लिया गया था।
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