चेन्नई:
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने गुरुवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्री को नसीहत दी कि उन्हें सिनेमेटोग्राफी कानून पर टिप्पणी करने से पहले सारी जानकारी जुटा लेनी चाहिए थी।
जयललिता ने कहा, ‘‘मैं श्री मनीष तिवारी को जवाब नहीं देना चाहती। मुझे लगता है उन्हें काफी जानकारी जुटानी पड़ेगी। मुझे लगता है कि उन्होंने तमिलनाडु सिनेमा नियमन कानून 1955 के बारे में नहीं सुना है।’’
उन्होंने तिवारी के सुझाव के बारे में संवाददाताओं द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में बात कही। तिवारी ने सुझाव दिया था कि सिनेमाट्रोग्राफी कानून की समीक्षा किए जाने जरूरत है ताकि अभिनेता निर्देशक कमल हासन की फिल्म विश्वरूपम पर प्रतिबंध लगाने के तमिलनाडु सरकार के फैसले की पृष्ठभूमि में सेंसर बोर्ड के निर्णय को लागू किया जा सके।
जयललिता ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उन्हें उच्चतम न्यायालय के फैसले के बारे में मालूम नहीं है। तमिलनाडु सरकार द्वारा ‘‘डेम 999’’ पर लगाए गए प्रतिबंध को चुनौती दी गयी थी। याचिका को उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया और हमारे निर्णय को सही ठहराया गया।’’
तिवारी ने बुधवार को कहा था कि राज्यों को फिल्म की स्क्रीनिंग के मामले में सेंसर बोर्ड के निर्णय को लागू करना चाहिए।
जयललिता ने कहा, ‘‘मैं श्री मनीष तिवारी को जवाब नहीं देना चाहती। मुझे लगता है उन्हें काफी जानकारी जुटानी पड़ेगी। मुझे लगता है कि उन्होंने तमिलनाडु सिनेमा नियमन कानून 1955 के बारे में नहीं सुना है।’’
उन्होंने तिवारी के सुझाव के बारे में संवाददाताओं द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में बात कही। तिवारी ने सुझाव दिया था कि सिनेमाट्रोग्राफी कानून की समीक्षा किए जाने जरूरत है ताकि अभिनेता निर्देशक कमल हासन की फिल्म विश्वरूपम पर प्रतिबंध लगाने के तमिलनाडु सरकार के फैसले की पृष्ठभूमि में सेंसर बोर्ड के निर्णय को लागू किया जा सके।
जयललिता ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उन्हें उच्चतम न्यायालय के फैसले के बारे में मालूम नहीं है। तमिलनाडु सरकार द्वारा ‘‘डेम 999’’ पर लगाए गए प्रतिबंध को चुनौती दी गयी थी। याचिका को उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया और हमारे निर्णय को सही ठहराया गया।’’
तिवारी ने बुधवार को कहा था कि राज्यों को फिल्म की स्क्रीनिंग के मामले में सेंसर बोर्ड के निर्णय को लागू करना चाहिए।
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