केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि आतंकवाद निरोधक एजेंसियों को कठोर रुख अपनाना होगा ताकि देश में नए आतंकवादी संगठन नहीं पनप सके. आतंकवाद निरोधक सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि न केवल आतंकवाद, बल्कि आतंकवादियों के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट करना होगा. गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लिए गए कठोर फैसलों से क्रिप्टोकरेंसी, हवाला, आतंकी वित्तपोषण, संगठित अपराध गिरोह और मादक पदार्थ-आतंकवाद साठगांठ से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में बहुत अच्छे परिणाम मिले हैं.
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा आयोजित दो दिवसीय आतंकवाद निरोधक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए शाह ने कहा कि अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है. उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद निरोधक सभी एजेंसियों को ऐसा कठोर रुख अपनाना होगा कि नए आतंकवादी संगठन न पनप सके.'' शाह ने कहा कि न केवल आतंकवाद से लड़ने की, बल्कि इसके पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को समाप्त करने की जरूरत है और इसके लिए ‘‘हमें संपूर्ण सरकार और टीम इंडिया की भावना के साथ काम करना चाहिए.''
उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय और राज्य एजेंसियां पिछले नौ वर्ष में देश में सभी प्रकार के आतंकवाद पर मजबूती से नियंत्रण लगाने में सफल रही हैं. उन्होंने कहा कि एनआईए, आतंकवाद निरोधक दस्तों और राज्य कार्यबल का काम केवल जांच तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि उन्हें आतंकवाद से निपटने के लिए लीक से हटकर सोचना चाहिए और नए उपाय करने चाहिए.
गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए वैश्विक स्तर से लेकर जमीनी स्तर तक सहयोग की आवश्यकता है, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी शामिल है.गृह मंत्री ने उत्कृष्ट सेवा के लिए एनआईए अधिकारियों को पदक से भी सम्मानित किया.
शाह ने कहा कि एनआईए के दायरे में मॉडल आतंकवाद निरोधक ढांचा स्थापित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय के लिए राज्यों में सभी आतंकवाद निरोधक एजेंसियों की जांच के पदानुक्रम, ढांचे और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को एक समान बनाया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए केंद्र और राज्यों, उनकी एजेंसियों और अंतर-एजेंसी सहयोग को हर तरीके से विचार करना होगा. उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र और राज्यों की सभी एजेंसियों को डेटाबेस का बहुआयामी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित उपयोग करना चाहिए, तभी हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सफल होंगे.'' गृह मंत्री ने कहा कि डेटाबेस का इस्तेमाल जांच, अभियोजन, रोकथाम और कार्रवाई के लिए किया जाना चाहिए और प्रत्येक थाने के साथ-साथ युवा पुलिस अधिकारियों को इसका अधिकतम इस्तेमाल करने पर जोर दिया.
उन्होंने एनआईए और खुफिया ब्यूरो से सभी केंद्रीय और राज्य स्तरीय आतंकवाद निरोधक एजेंसियों के लिए साझा प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करने को कहा, ताकि आतंकवाद से लड़ने की पद्धति में एकरूपता लाई जा सके. उन्होंने कहा कि 2001 में आतंकवादी घटनाओं की संख्या 6000 थी, जो 2022 में घटकर 900 रह गयी. शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के पिछले नौ वर्षों के कार्यकाल में जम्मू कश्मीर में विकास और शांति का नया सवेरा हुआ है, जिससे पूर्ववर्ती सरकार के 10 वर्षों की तुलना में आतंकवादी घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है.
शाह ने यह भी कहा कि इन नौ वर्षों के दौरान आतंकी घटनाओं में नागरिकों की मृत्यु में 81 प्रतिशत और सुरक्षा कर्मियों की मृत्यु में 48 प्रतिशत की कमी आई है. गृह मंत्री ने जून 2004 से मई 2014 तक के 10 वर्षों की तुलना में जून 2014 से अगस्त 2023 तक नौ वर्षों के दौरान आतंकवाद प्रभावित जम्मू कश्मीर में हिंसा की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी का जिक्र किया.
गृह मंत्री ने कहा कि जून 2004-मई 2014 के दौरान आतंक संबंधी 7,217 घटनाएं हुई थीं, जो जून 2014 और अगस्त 2023 के बीच घटकर 2,197 हो गईं. उन्होंने कहा कि इस तरह आतंकवादी घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है. शाह ने 94 प्रतिशत से अधिक दोषसिद्धि दर हासिल करने के लिए एनआईए की सराहना करते हुए कहा कि इस दिशा में और काम करने की जरूरत है और सभी राज्यों से दोषसिद्धि दर बढ़ाने के लिए कदम उठाने को कहा.
मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में बड़ी सफलताओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि इस साल स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के अभियान समुद्रगुप्त के दौरान एक साथ 12,000 करोड़ रुपये से अधिक के नशीले पदार्थ जब्त किए गए.
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