
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के अध्यक्ष साबा कोरोसी ने अपनी भारत यात्रा के दूसरे दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा की. प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि वैश्विक जल संसाधनों के संरक्षण और अनुकूलन के महत्व पर चर्चा हुई. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत की पहली यात्रा पर आए यूएनजीए के अध्यक्ष साबा कोरोसी का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है. संयुक्त राष्ट्र सहित बहुपक्षवाद के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की. हमने वैश्विक जल संसाधनों के संरक्षण और अनुकूलन के महत्व पर चर्चा की. भारत में जी-20 के आयोजन के लिए उनके समर्थन का स्वागत किया.''
Happy to welcome @UN_PGA Csaba Kőrösi on his first visit to India. Reaffirmed India's commitment to multilateralism, including at the UN. We discussed the importance of conserving and optimising global water resources. Welcomed his support for #G20India. pic.twitter.com/nLbLv1rYtg
— Narendra Modi (@narendramodi) January 30, 2023
कोरोसी से मुलाकात के बाद जयशंकर ने कहा कि उन्होंने वैश्विक चुनौतियों, संयुक्त राष्ट्र सुधार, यूक्रेन संघर्ष और जी-20 एजेंडे पर चर्चा की. जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘महासभा के अध्यक्ष साबा कोरोसी का स्वागत किया, ज्वार-बाजरे के भोजन के लिए उनकी मेजबानी की. वैश्विक चुनौतियों, संयुक्त राष्ट्र सुधार, यूक्रेन संघर्ष और जी-20 एजेंडे पर चर्चा की. उन्हें विकासात्मक प्रगति और बहुपक्षवाद में सुधार के लिए भारत के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया.''यूएनजीए अध्यक्ष ने संवाददाता सम्मेलन में बैठकों को ‘‘बहुत अच्छा'' बताया और कहा कि दुनिया कैसी दिखनी चाहिए और भारत की भूमिका क्या हो सकती है, इस पर ध्यान केंद्रित किया गया. उन्होंने कहा, ‘‘समर्थन और समझ का स्तर, रणनीतिक तालमेल का स्तर मेरी सभी अपेक्षाओं से अधिक है.''
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि सीमापार आतंकवाद का मुद्दा चर्चा के एजेंडे में नहीं है. कोरोसी ने कहा, ‘‘लेकिन मैं अच्छी तरह वाकिफ हूं कि यह मुद्दा इस देश और दुनिया के कुछ अन्य हिस्सों के लिए कितना महत्वपूर्ण है.''कोरोसी ने कहा कि जयशंकर के साथ उनकी बातचीत में यूक्रेन युद्ध का मुद्दा उठा. साथ ही उन्होंने कहा कि यह उन मुद्दों में से एक है, जिसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि भारत ने सुरक्षा परिषद सुधार को आगे बढ़ाने के लिए बहुत कुछ किया है और संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन से संबंधित सभी मुद्दों पर बहुत सक्रिय था.कोरोसी ने कहा, ‘‘मैंने सुरक्षा परिषद में सुधार से संबंधित अंतर-सरकारी वार्ताओं के लिए दो नए सह-अध्यक्षों को नामित किया है और वार्ता बस शुरू होने वाली है.''
यूक्रेन संघर्ष पर उन्होंने कहा कि युद्धविराम होना चाहिए और यदि युद्धरत पक्ष इसे उचित समझें तो संयुक्त राष्ट्र वार्ता शुरू करने में पक्षों की मदद करने के लिए तैयार होगा. हंगरी के राजनयिक कोरोसी वर्तमान में 77वीं यूएनजीए के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं. वह रविवार को यहां पहुंचे. कोरोसी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र 1977 के बाद पहली बार संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन आयोजित करेगा. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आशा है कि पानी के संबंध में कार्रवाई के लिए यह ‘पेरिस समझौते' जैसा मौका होगा. हमें सतत विकास लक्ष्य-छह के वादे को प्राप्त करने के लिए महत्वाकांक्षा के स्तर को बढ़ाने की आवश्यकता है. ऐसा करने के लिए हमें पानी और जलवायु नीतियों को एकीकृत करना होगा.''
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