तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 40 हजार से ज्यादा हो गई है. भारत इस प्राकृतिक आपदा में ऑपरेशन दोस्त के तहत तुर्की और सीरिया की मदद कर रहा है. भारत से तुर्की पहुंची 45 सदस्यों की एनडीआरएफ टीम ने कई लोगों की जिंदगियां बचाई हैं. वहीं, एनडीआरएफ की टीम में शामिल दो खोजी कुत्ते भी चर्चा का विषय बने हुए हैं. एनडीआरएफ के स्निफर डॉग रैंबो और हनी ने भूकंप प्रभावित नूर्दगी में मलबे में फंसी 6 साल की बच्ची को बचाया.
आठवीं बटालियन एनडीआरएफ की टीम शुक्रवार को गाजियाबाद लौट आयी. इनके साथ दो खोजी कुत्ते भी थे. जबकि दो अन्य र कुत्ते जूली और रोमियो अभी भी वहां रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं. गाजियाबाद में बैंड बाजे के साथ माला पहनाकर एनडीआरएफ टीम का स्वागत किया गया. 'एनडीआरएफ की जय' और 'भारत माता की जय' के नारे लगाए गए.
एनडीआरएफ की टीम ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में 10 दिनों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर लोगों की जान बचाई. मलबे में दबे लोगों को सुरक्षित निकालकर अस्पताल पहुंचाया. टीम ने वहां के लोगों का विश्वास और दोस्ती जीती. इतना ही नहीं तुर्की के अदाना एयरपोर्ट से जब यह टीम वापस इंडिया आ रही थी, तो लोग कुछ क्षण के लिए वो भावुक हो गए थे. वहां मौजूद सभी लोगों ने तालियां बजाकर एनडीआरएफ की टीम को विदाई दी थी.
बता दें कि तुर्की और सीरिया में 6 फरवरी को आए भूकंप के 11 दिन बाद भी मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र संघ के मुताबिक, अब तक 41 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. तुर्की के अधिकारियों ने 35418 और सीरियाई सरकार ने 5800 से ज्यादा लोग मारे जाने की पुष्टि की है.
दोनों देशों में अब भी राहत ओर बचाव कार्य जारी है. दोनों देशों में दुनियाभर के 95 देशों से मदद भेजी जा रही है. संयुक्त राष्ट्र ने तुर्की के लोगों के लिए एक अरब डॉलर जुटाने के लिए मानवीय अपील की है.
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