कांग्रेस ने आज विपक्ष की एकता पर नए सिरे से जोर दिया. उसने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए समान विचारधारा वाले धर्मनिरपेक्ष दलों को लामबंद होकर गठबंधन करना चाहिए. पार्टी ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक विचार-मंथन सम्मेलन के दौरान कहा कि तीसरा मोर्चा चुनाव में केवल बीजेपी की मदद करेगा.
पार्टी ने एक प्रस्ताव में कहा, "धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी ताकतों की एकता कांग्रेस पार्टी के भविष्य की पहचान होगी. कांग्रेस को समान विचारधारा वाली धर्मनिरपेक्ष ताकतों की पहचान करने, लामबंद करने और साथ जोड़ने के लिए बाहर जाना चाहिए. हमें धर्मनिरपेक्ष क्षेत्रीय ताकतों को शामिल करना चाहिए जो हमारी विचारधारा से सहमत हैं. आम वैचारिक आधार पर एनडीए का मुकाबला करने के लिए एकजुट विपक्ष की तत्काल आवश्यकता है. किसी तीसरी ताकत के उभरने से बीजेपी/एनडीए को फायदा होगा."
शुक्रवार को कांग्रेस के 85वें पूर्ण अधिवेशन में अपने संबोधन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठजोड़ करने की उम्मीद कर रही है. उन्होंने कहा, मौजूदा कठिन परिस्थितियों में कांग्रेस देश में एकमात्र ऐसी पार्टी है जो सक्षम और निर्णायक नेतृत्व प्रदान कर सकती है. उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन ने देश के लोगों की सेवा की.
विपक्षी एकता के लिए कांग्रेस ने ऐसे समय में जोर दिया है जब क्षेत्रीय दल लोकसभा चुनावों के लिए तीसरे मोर्चे का विचार पेश कर रहे हैं.
भारत राष्ट्र समिति (जिसे पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति के नाम से जाना जाता था) के अध्यक्ष तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने बीजेपी विरोधी मोर्चा बनाने के लिए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार सहित कई विपक्षी नेताओं के साथ बैठकें की हैं.
हालांकि शरद पवार जैसे दिग्गज राजनेताओं ने कहा है कि कांग्रेस को किसी वैकल्पिक मोर्चे से बाहर नहीं छोड़ा जा सकता है.
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