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आवारा कुत्तों का बढ़ता खतरा, पशुपालन विभाग ने लोकसभा में बताया निपटने का सबसे कारगर उपाय

केंद्रीय मंत्री ने अपने लिखित जवाब में कहा कि आवारा कुत्तों का मुद्दा राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है, जबकि स्थानीय निकायों को संबंधित मामलों का प्रबंधन करने का अधिकार है.

आवारा कुत्तों का बढ़ता खतरा, पशुपालन विभाग ने लोकसभा में बताया निपटने का सबसे कारगर उपाय
  • सरकार ने लोकसभा में बताया कि आवारा कुत्तों की नसबंदी कुत्तों की संख्या प्रबंधन के लिए सबसे कारगर उपाय है.
  • 16 जुलाई को तीन मंत्रालयों ने संयुक्त परामर्शी जारी कर शहरी निकायों को नसबंदी कार्यक्रम चलाने का निर्देश दिया.
  • स्थानीय निकाय पशु जन्म नियंत्रण नियमावली 2023 के तहत पशु कल्याण संगठनों के साथ नसबंदी और टीकाकरण करते हैं.
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नई दिल्ली:

आवारा कुत्तों से बढ़ते खतरे पर लोकसभा में दिए एक लिखित जवाब में केंद्र सरकार ने कहा है कि आवारा कुत्तों की नसबंदी (sterilisation) कुत्तों की संख्या के प्रबंधन (dog population management) के लिए सबसे महत्वपूर्ण है. मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने 19 अगस्त, 2025 को लोकसभा में एक लिखित के उत्तर में ये कहा.

उन्होंने कहा, "सचिव (पशुपालन एवं डेयरी) द्वारा 11 नवंबर, 2024 को सभी मुख्य सचिवों को एक परामर्शी जारी की गई थी. इसके बाद, 16 जुलाई, 2025 को पशुपालन एवं डेयरी विभाग, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय के सचिवों ने संयुक्त रूप से एक परामर्शी जारी की, जिसमें दोहराया गया कि आवारा कुत्तों की नसबंदी कुत्तों की संख्या के प्रबंधन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. परामर्शी में शहरी स्थानीय निकायों से पशु जन्म नियंत्रण इकाइयां स्थापित करने और व्यापक स्तर पर नसबंदी कार्यक्रम चलाने का आग्रह किया गया, जिसमें कम से कम 70 प्रतिशत आवारा कुत्तों को कवर किया जाए."

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केंद्रीय मंत्री बघेल का जवाब पंजाब से कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला के एक सवाल के जवाब में आया. औजला ने पूछा था कि सरकार आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे को नियंत्रित करने के लिए दंड सहित अन्य क्या कदम उठाने वाली है और उन्हें कब तक लागू किया जायेगा.

जवाब में केंद्रीय मंत्री ने अपने लिखित जवाब में कहा कि आवारा कुत्तों का मुद्दा राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है, जबकि स्थानीय निकायों को संबंधित मामलों का प्रबंधन करने का अधिकार है.

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बघेल ने कहा, "कुत्तों की संख्या का मानवीय और प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 (Prevention of Cruelty to Animals Act,1960) के अंतर्गत पशु जन्म नियंत्रण नियमावली, 2023 (Animal Birth Control Rules, 2023) बनाई है. यह नियमावली विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH) के कैप्चर-न्यूटर-वैक्सीनेट-रिलीज़ (Capture–Neuter–Vaccinate–Release approach) दृष्टिकोण के मानकों के अनुरूप हैं. इन नियमों के तहत, स्थानीय निकाय (Local Bodies ) पशु कल्याण संगठनों के सहयोग से नसबंदी और टीकाकरण कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने के लिए उत्तरदायी हैं."

केंद्र सरकार ने आवारा कुत्तों और आवारा बिल्लियों के जन्म नियंत्रण और टीकाकरण की विद्यमान योजना में संशोधन भी किया है, जिसे चालू वित्त वर्ष से भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (Animal Welfare Board of India) के माध्यम से लागू किया जा रहा है. विस्तृत जानकारी Animal Welfare Board of India  की वेबसाइट https://awbi.gov.in/Document/guidelines पर ले सकते हैं.

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