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This Article is From Apr 13, 2023

राज्यपालों के लिए विधेयक को मंजूरी देने की समय सीमा तय हो : स्टालिन

स्टालिन ने अपने समकक्षों को पत्र लिखते हुए कहा कि कुछ “राज्यपाल अनिश्चित काल के लिए विभिन्न विधेयकों को रोक रहे हैं” जो राज्य विधानसभाओं द्वारा विधिवत पारित किए गए हैं और अनुमोदन के लिए भेजे गए हैं.

राज्यपालों के लिए विधेयक को मंजूरी देने की समय सीमा तय हो : स्टालिन
स्टालिन ने 11 अप्रैल को पत्र लिखा था. (फाइल फोटो)
चेन्नई:

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने बुधवार को गैर-बीजेपी शासित राज्यों से अपनी-अपनी विधानसभाओं में प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार से ये अनुरोध करने की अपील की कि विधान मंडलों द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने को लेकर राज्यपालों के लिए समय सीमा तय की जाए. 

स्टालिन ने अपने समकक्षों को पत्र लिखते हुए कहा कि कुछ “राज्यपाल अनिश्चित काल के लिए विभिन्न विधेयकों को रोक रहे हैं” जो राज्य विधानसभाओं द्वारा विधिवत पारित किए गए हैं और अनुमोदन के लिए भेजे गए हैं. उन्होंने कहा कि इससे संबंधित राज्य प्रशासन के सामने विधेयकों को लेकर गतिरोध पैदा हुआ है.

स्टालिन ने 11 अप्रैल को लिखे अपने पत्र में कहा कि तमिलनाडु सरकार ने इस मुद्दे के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया है और राज्यपाल आर. एन. रवि की मंजूरी के लिए भेजे गए विधेयकों पर उनके द्वारा व्यक्त संदेहों और चिंताओं को स्पष्ट करने के लिए कई प्रयास किए. इसमें ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने के लिए तमिलनाडु ऑनलाइन जुआ निषेध एवं ऑनलाइन खेल नियमन विधेयक शामिल है, जिसे राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है और 10 अप्रैल को अधिसूचित किया गया है.

उन्होंने कहा, 'जैसा कि हमारे प्रयास विफल रहे और जैसा कि हमें पता चला कि कई अन्य राज्यों में समान मुद्दे हैं, इसको देखते हुए हमने तमिलनाडु में अपनी राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार और भारत के राष्ट्रपति से यह आग्रह किया है कि संबंधित विधान मंडलों द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने को लेकर राज्यपालों के लिए समयसीमा तय होनी चाहिए.”

उन्होंने 10 अप्रैल, 2023 को तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव की एक प्रति संलग्न करते हुए पत्र में लिखा: 'मुझे यकीन है कि आप प्रस्ताव की भावना और विषयवस्तु से सहमत होंगे, और इस संबंध में अपनी-अपनी राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पारित करके राज्य सरकारों और विधानसभाओं की संप्रभुता व स्वाभिमान को बनाए रखने के लिए अपना समर्थन देंगे.”

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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