
- तेज प्रताप यादव ने महुआ सीट से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है
- महुआ सीट पर एनडीए के चिराग पासवान के कब्जे और उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी से आरजेडी का प्रभाव कम हुआ है
- उपेंद्र कुशवाहा अपने बेटे को महुआ सीट से उम्मीदवार बनवाने के लिए पार्टी नेतृत्व से बात कर रहे हैं
बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने बड़ा राजनीतिक कदम उठाया है. उन्होंने महुआ सीट से अपना नामांकन कैंसिल कर दिया है और अब वे समस्तीपुर जिले की मोहिउद्दीन नगर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. महुआ सीट आरजेडी का पुराना गढ़ रहा है, जहां से तेज प्रताप 2015 में पहली बार विधायक बने थे. लेकिन इस बार समीकरण पूरी तरह बदल चुके हैं. महुआ सीट एनडीए में चिराग पासवान के खाते में गई है, जिससे इस क्षेत्र में आरजेडी का दावा कमजोर पड़ गया.
इस सीट पर उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी भी बड़ी वजह बनी. बताया जा रहा है कि कुशवाहा महुआ सीट किसी भी कीमत पर चाहते हैं, क्योंकि वे अपने बेटे को यहां से उम्मीदवार बनाना चाहते हैं. इसी कारण वे दिल्ली जाकर पार्टी नेतृत्व से बातचीत कर रहे हैं. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यही दबाव तेज प्रताप के पीछे हटने की मुख्य वजह बना.
अब तेज प्रताप यादव ने मोहिउद्दीन नगर सीट को अपना नया चुनावी मैदान चुना है. यह सीट फिलहाल बीजेपी के पास है राजेश कुमार सिंह मौजूदा विधायक हैं. पिछली बार आरजेडी इस सीट को हार गई थी. मोहिउद्दीन नगर सीट का जातीय समीकरण भी दिलचस्प है. यहां यादव मतदाता बड़ी संख्या में हैं, उसके बाद राजपूत और कोईरी समुदाय की प्रभावी उपस्थिति है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तेज प्रताप के लिए यह सीट आसान नहीं होगी, क्योंकि बीजेपी का संगठन यहां मजबूत है और यादव वोटों में बंटवारा भी संभव है.
आरजेडी के रणनीतिकारों का मानना है कि तेज प्रताप की लोकप्रियता और यादव वोट बैंक का जुड़ाव उन्हें नई सीट पर भी मजबूत आधार दे सकता है. लेकिन यह तय है कि महुआ से मोहिउद्दीन नगर तक तेज प्रताप की यह छलांग इस चुनाव की सबसे बड़ी राजनीतिक हलचल बन गई है.
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