पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Assembly) के अध्यक्ष बिमान बनर्जी (Biman Banerjee) ने नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी समेत भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सात विधायकों का निलंबन वापस ले लिया. उन्होंने सदन में भाजपा के दो विधायकों द्वारा पेश किये गए अलग-अलग प्रस्तावों पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया. दोपहर बाद विधानसभा की कार्यवाही शुरु होते ही विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल से प्रस्ताव की अंतिम दो पंक्तियां पढ़ने के लिये कहा, जिसमें अधिकारी और चार अन्य विधायकों मनोज तिग्गा, नरहरि महतो, मिहिर गोस्वामी और शंकर घोष के खिलाफ निलंबन आदेश वापस लेने का अनुरोध किया गया था.
इसके बाद बनर्जी ने संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी से विचार-विमर्श किया और उन्होंने भी विधायकों का निलंबन वापस लेने की बात कही. भाजपा की एक और विधायक शिखा चटर्जी ने सदन में दूसरा प्रस्ताव पढ़ा, जिसमें विधायक मिहिर गोस्वामी और सुदीप मुखोपाध्याय का निलंबन वापस लेने का अनुरोध किया गया था. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सभी विधायकों के खिलाफ निलंबन आदेश वापस लेने पर सहमति जतायी. दरअसल, 28 मार्च को विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भाजपा विधायकों के बीच झड़प हो गई थी, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारी और चार अन्य विधायकों को निलंबित कर दिया था.
मार्च की शुरुआत में सदन में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान गलत आचरण के लिये गोस्वामी और घोष को निलंबित कर दिया गया था.
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