बिहार (Bihar) के पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 8 मई को सुनवाई करेगा. 1994 बैच के IAS जी कृष्णैया (G. krishnaiah) की पत्नी ने आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. गोपालगंज (Gopalganj) के मारे गए मजिस्ट्रेट जी. कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने आनंद मोहन को फिर से जेल भेजने की मांग की है. उमा ने बिहार सरकार के नियमों के बदलाव के नोटिफिकेशन को भी रद्द करने की मांग की है. IAS जी कृष्णैया की पत्नी की ओर से वकील तान्या श्री ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की है. CJI डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि 8 मई को इस मामले में सुनवाई करेंगे.
IAS की पत्नी ने आपनी याचिका में कहा कि अपराधी राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति है उसने स्वयं एक विधायक रहते हुए एक सेवारत आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की हत्या की है. उन्हें राजनीतिक समर्थन प्राप्त है और उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले लंबित हैं. उम्र कैद की सीमा में बदलाव के लिए बिहार सरकार का 10.04.2023 का संशोधन किसी भी सूरत में लोकनीति के विरुद्ध है और उक्त संशोधन दुर्भावना से प्रेरित और राजनीतिक लाभ के लिए है.
यह स्थापित कानून है कि अदालत कार्यपालिका के नीतिगत निर्णय में हस्तक्षेप कर सकती है यदि उसे दुर्भावना, अनुचितता, मनमानी के आधार पर गलत ठहराया जा सकता है. ऐसी नीति अंसवैधानिक होगी. मामले में बिहार राज्य ने विशेष रूप से दिनांक 10.04.2023 के संशोधन द्वारा पूर्वव्यापी प्रभाव के साथ बिहार जेल मैनुअल 2012 में संशोधन किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोषी आनंद मोहन को छूट का लाभ दिया जाए.
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