
सुप्रीम कोर्ट ने सुकेश चंद्रशेखर की मंडोली जेल से ट्रांसफर करने की मांग खारिज कर दी है. कोर्ट ने इसे कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया और कहा कि सुकेश के पास पैसा होने का मतलब यह नहीं है कि वह बार-बार अर्जी दाखिल कर कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग कर सकते हैं.
कोर्ट ने यह भी कहा कि सुकेश ने समाज को असुरक्षित बना दिया है और पीड़ितों के अधिकारों को भी ध्यान में रखना चाहिए. कोर्ट ने यह भी पूछा कि पीड़ितों के बारे में कौन सोचेगा और हर बार आरोपियों के अधिकारों की दुहाई देने के बजाय पीड़ितों के अधिकारों का भी ध्यान रखना चाहिए.
जस्टिस बेला त्रिवेदी ने कहा कि कानून की प्रक्रिया के दुरुपयोग की भी एक सीमा होती है. आपके पास पैसा है और इसीलिए आप ऐसी याचिकाएं दाखिल करते रहते हैं. आपकी शिकायत दिल्ली सरकार के एक अधिकारी के खिलाफ थी.
वकील ने कोर्ट को बताया कि सुकेश किसी भी मामले में दोषी नहीं है और वह निर्दोष है. इस पर जस्टिस त्रिवेदी ने पूछा कि आपके खिलाफ 27 मामले हैं और आप खुद को निर्दोष कहते हैं? हमें समाज और उसकी सुरक्षा की भी चिंता है. आपके मौलिक अधिकारों को दूसरों की कीमत पर लागू नहीं किया जा सकता. हमने मामले के गुण-दोष पर कोई राय नहीं दी है. हालांकि, हम यह कहने से खुद को नहीं रोक सकते कि वर्तमान याचिकाकर्ता ने बदली हुई परिस्थितियों की आड़ में एक के बाद एक रिट दाखिल करके कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने की कोशिश की है. यह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है.
जस्टिस बेला त्रिवेदी और पीबी वराले की पीठ ने कहा कि चंद्रशेखर ने समाज को असुरक्षित बना दिया है. पीठ ने कहा कि जब आरोपी स्वतंत्रता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए याचिका दायर करता है तो न्यायालय को पीड़ितों के अधिकारों को भी ध्यान में रखना चाहिए.
याचिका में सुकेश ने मांग की थी कि उन्हें मंडोली जेल से कर्नाटक जेल या उनके गृह राज्य के नजदीक किसी अन्य जेल में स्थानांतरित किया जाए.
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