उच्चतम न्यायालय ने झारखंड उच्च न्यायालय के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें दहेज प्रताड़ना के एक मामले में पति को अग्रिम जमानत की शर्त के तौर पर परित्यक्ता पत्नी को 10 लाख रुपये देने को कहा था. उच्च न्यायालय ने चार और पांच मार्च, 2021 को अपने आदेश में पति को अपनी पत्नी के पक्ष में अंतरिम मुआवजे के रूप में 10 लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट जमा करने का निर्देश दिया था.
न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सीटी रवि कुमार की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा अपीलकर्ता (पति) को अग्रिम जमानत का लाभ उठाने के लिए 10 लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट जमा करने के लिए कहने का कोई औचित्य नहीं है, लिहाजा अपील की अनुमति दी जाती है. पीठ ने 18 अक्टूबर को अपने आदेश में कहा कि गैर-संज्ञेय अपराध होने के कारण, अपीलकर्ता (पति) ने गिरफ्तारी से पहले जमानत के लिए एक आवेदन दायर करके अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
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