समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान (Mohammad Azam Khan) और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया. सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. यह मामला रामपुर नगर पालिका परिषद की सफाई मशीन को चोरी कराकर उसे जौहर यूनिवर्सिटी में मिट्टी में दफन करने का है. इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान की जमानत अर्जियों को खारिज कर दिया था.
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि पूर्व मंत्री आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ कई क्रिमिनल केस दर्ज हैं. इनकी क्रिमिनल हिस्ट्री है.कई मामलों में इन्हें सजा भी मिली हुई है. ऐसे में जमानत दिए जाने पर यह केस के ट्रायल को प्रभावित कर सकते हैं.
क्या है पूरा मामला?
खान और उनके बेटे ने हाईकोर्ट के 21 सितंबर के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है. खान, उनके बेटे और पांच अन्य के खिलाफ 2022 में आपराधिक मामला दर्ज किया गया था. आरोप था कि उन्होंने सड़क साफ करने वाली मशीन चुरा ली थी, जिसे नगर पालिका परिषद, रामपुर जिले ने खरीदा था. यह भी आरोप लगाया गया था कि यह मशीन बाद में खान के रामपुर स्थित जौहर विश्वविद्यालय से बरामद की गई थी.
उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद वकार अली खान नामक व्यक्ति ने इस संबंध में 2022 में रामपुर के कोतवाली में सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने 2014 में सड़क की सफाई करने वाली सरकारी मशीन चुरा ली थी.
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