मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण (Hate Speech) देने वाले राजनीतिक नेताओं के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से UAPA के तहत कार्रवाई की याचिका पर नोटिस जारी हुआ है. जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने इस याचिका पर नोटिस जारी किया. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पहले से पेंडिंग मामलों के साथ याचिका को जोड़ दिया है.
इस मामले में याचिककर्ता की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि ऐसे मामलों में कुछ करने की जरूरत है. अगर अदालतें कुछ नहीं करेंगी, तो भगवान ही इस देश को बचा सकता है. भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं के खिलाफ कुछ किया जाना चाहिए. नोटिस जारी करते हुए जस्टिस अजय रस्तोगी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और देश को हल्के में न लें.
दरअसल, याचिकाकर्ता शाहीन अब्दुल्लाह ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ घृणित टिप्पणी करने वालों के खिलाफ UAPA के तहत कार्यवाही की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने वालों मामलों की स्वतंत्र जांच की मांग भी की गई है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 17 से 19 दिसंबर 2021 के बीच हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में कथित रूप से नफरत भरे भाषण देने के मामले में जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को जमानत दे दी थी. जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने वसीम रिजवी को कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी. एक शर्त यह भी है कि वह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से बात न करे. पीठ ने कहा कि मामले में सह-आरोपी को जमानत दे दी गई है और पुलिस ने जांच के बाद आरोपपत्र दायर किया है.
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