सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को उच्च जोखिम वाली श्रेणी में वर्गीकृत करने और वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाने में प्राथमिकता देने की याचिका पर केंद्र सरकार (Central Government) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सॉलिसिटर जनरल (Solicitor General) को अदालत की सहायता करने के लिए कहा है. यह नोटिस दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Delhi Child Protection Commission) की याचिका पर जारी किया गया है. सॉलिसिटर जनरल दो हफ्ते में बताएंगे कि सरकार इसे लेकर क्या कदम उठा रही है और क्या नीति बनाई गई है.
दिल्ली बाल संरक्षण आयोग की ओर से पेश एडवोकेट वृंदा ग्रोवर ने कहा कि मई 2021 में दूसरी कोविड लहर के दौरान याचिका दायर की गई थी. जिसके बाद गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.
जिसके बाद बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया जाता है.
एडवोकेट वृंदा ग्रोवर ने कहा कि हम एक ऐसे वायरस से निपट रहे हैं जिसके बारे में हम नहीं जानते हैं. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को कोविड के टीके के लिए अनुमति देने का कारण यह था कि प्रतिकूल प्रभाव पर कोई शोध नहीं किया गया था.
उन्होेंने कहा कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर टीकाकरण के प्रभावों को देखने के लिए वैज्ञानिक शोध करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि निरंतर निगरानी के लिए रजिस्ट्री बनाने की जरूरत है.
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