Lakhimpur kheri violence case: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने यूपी सरकार की जांच को लेकर गंभीर सवाल खड़़े किए. SC की बेंच ने सुनवाई के दौरान साफ कहा कि 'हमें यह कहते हुए दुख हो रहा है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि एक विशेष आरोपी को 2 एफआईआर को ओवरलैप करके लाभ दिया जा रहा है.' जस्टिस सूर्यकांत ने कहा 'अब कहा जा रहा है कि दो FIR हैं. एक FIR में जुटाए गए सबूत दूसरे में इस्तेमाल किए जाएंगे एक आरोपी को बचाने के लिए, दूसरी FIR में एक तरह से सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं.'CJI ने कहा, दोनों FIR की अलग- अलग जांच हो.
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि एक किसानों की हत्या का मामला है तो दूसरा पत्रकार व राजनीतिक कार्यकर्ता का.गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं जो मुख्य आरोपी के पक्ष में लगते हैं. हरीश साल्वे ने कहा कि अगर कोई आगे आता है और कहता है कि उसका बयान दर्ज किया जाए तो हमें वह करना होगा. जस्टिस सूर्यकांत ने इस पर कहा, 'यह अलग बात है और यह अलग बात है जब आप कुछ लोगों की पहचान करने का प्रयास करें और फिर बयान दर्ज करें.'सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम किसी दूसरे हाईकोर्ट के रिटायर जज को जांच की निगरानी के लिए नियुक्त करेंगे. दोनों FIR की अलग- अलग जांच हो.अलग-अलग जांच हो. अलग- अलग ही चार्जशीट दाखिल हो.
उन्होंने कहा 'हमें लगता है कि SIT दोनों FIR के बीच एक दूरी बनाए रखने में असमर्थ है. ओवरलैपिंग या इंटरलिंकिंग नहीं होनी चाहिए.हम नहीं चाहते कि आपका न्यायिक आयोग बना रहे, इससे भरोसा बनाए रखा नहीं जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हम मामले की जांच में निष्पक्षता और स्वतंत्रता चाहते हैं इसलिए चार्जशीट दाखिल होने तक एक रिटायर्ड हाईकोर्ट जज की नियुक्ति करना चाहते हैं.' यूपी सरकार ने लखीमपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट में नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है लेकिन कोर्ट ने इसे लेकर यूपी पुलिस पर सवाल उठाए हैं. SC ने कहा, 'स्टेटस रिपोर्ट में कुछ भी नया नहीं है. हम जो उम्मीद कर रहे थे वैसा कुछ नहीं है.'
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