बिल्डर को धमकी देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भतीजे की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोप तय होने के बाद नए सिरे से जमानत के लिए आरोपी आवेदन कर सकता है. कोर्ट ने कहा कि अगर चार्जशीट दाखिल हो गई है तो 6 महीने में आरोप तय हों. अदालत में जस्टिस एम आर शाह की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि मामले में आरोप तय नहीं किए गए हैं. हमें इस स्तर पर रिजवान को जमानत पर रिहा करने का कोई कारण नहीं दिखता है.
SC ने कहा कि यदि जांच पूरी हो गई है और सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई है, तो ट्रायल कोर्ट को छह माह की अवधि के भीतर आरोप तय करने का निर्देश दिया जाता है. उसके बाद आरोपी के लिए जमानत के लिए एक बार फिर इस अदालत का दरवाजा खटखटाने का विकल्प खुला है .
दरअसल, SC अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भतीजे रिजवान मोहम्मद इब्राहिम कासकर द्वारा 2019 में मकोका के तहत एक बिल्डर को दी गई धमकी के लिए दर्ज एक मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था. बॉम्बे HC द्वारा 31 दिसंबर, 2021 को जमानत याचिका खारिज करने के बाद कासकर ने SC में याचिका दाखिल की थी. फैसले में हाईकोर्ट के जमानत ना देने के फैसले को चुनौती दी गई थी.
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