विज्ञापन
This Article is From Sep 08, 2021

बेकार याचिकाएं दाखिल करने पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी- न्याय आपकी इच्छा से नहीं चल सकता

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्याय व्यवस्था में एक ही पक्ष जीतता है दूसरा हारता है. इसका मतलब ये नहीं कि न्याय हुआ ही नहीं, न्याय वो नहीं है जो आप चाहते हो. न्याय तो अपनी नजर और नजरिए से चलता है आपकी इच्छा से नहीं.

बेकार याचिकाएं दाखिल करने पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी- न्याय आपकी इच्छा से नहीं चल सकता
नई दिल्ली:

बेकार याचिकाएं दाखिल करने पर 25 लाख का जुर्माना ना चुकाने पर NGO सुराज इंडिया ट्रस्ट के अध्यक्ष  अदालत की अवमानना का मामला चले या नहीं इस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुरक्षित रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने NGO अध्यक्ष को कहा कि तीन दिनों के भीतर माफीनामा दाखिल कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल ने अध्यक्ष राजीव दहिया को कहा कि न्याय व्यवस्था में एक ही पक्ष जीतता है दूसरा हारता है. इसका मतलब ये नहीं कि न्याय हुआ ही नहीं, न्याय वो नहीं है जो आप चाहते हो. न्याय तो अपनी नजर और नजरिए से चलता है आपकी इच्छा से नहीं. आप जिस भाषा में बोल रहे हैं, हम उसी भाषा में आपको समझा रहे हैं. आप सीधे सीधे न्याय व्यवस्था को ही दोष दे रहे हैं और न्यायपालिका व जजों को जो मन में आए वो बोलते जा रहे हैं. हमारा काम न्याय करने का है. हम न्याय करने को बैठे हैं. आपके कुछ भी बोलने से हम पर फर्क नहीं पड़ेगा. कानून तो सबके लिए बराबर है. आपके ऊपर है कि आप उसका इस्तेमाल कैसे करते हो. अब आप अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गोली चला कर किसी को मार दो फिर कहो कि गलती मेरी नहीं लाइसेंस देने वाले की है, ये कोई तरीका है?  ऐसे नहीं चलेगा, लेकिन आपकी आदत है कि इतना कीचड़ उछालो कि सामने वाला खुद ही पीछे हट जाए. 

इससे पहले दिसंबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सुराज़ इंडिया ट्रस्ट NGO को 25 लाख रुपये जुर्माना के देने होंगे.
 सुप्रीम कोर्ट ने सुराज इंडिया ट्रस्ट NGO की आदेश को वापस लेने की याचिका को ख़ारिज किया था. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि क्या सड़क हादसों में मारे गए लोग इंसाफ के हकदार नहीं हैं. महिलाओं, बच्चों और गरीब लोगों का क्या जो इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने कई याचिकाएं दाखिल की थीं, जिसकी वजह से आप पर जुर्माना लगाया गया, जिस बेंच ने आप पर जुर्माना लगाया था, उसने आपको अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया था. अब आपको जुर्माने की रकम देनी होगी.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बेकार और गंभीरता से विचार न करने वाली याचिकाओं को दाखिल करने के मामले में सुराज इंडिया ट्रस्ट NGO को  25 लाख का जुर्माना लगाया था. सुप्रीम कोर्ट ने सुराज इंडिया ट्रस्ट और उसके अध्यक्ष राजीव दहिया को आजीवन कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने से भी बैन कर दिया था.  तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर ने ट्रस्ट से सवाल किया कि आपने अब तक 64 याचिकाएं दाखिल की थी और सभी खारिज हुई हैं. आखिर आप ऐसा कैसे कर सकते हैं. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ट्रस्ट की याचिकाओं से कोर्ट का समय बर्बाद हुआ है तो बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जे एस खेहर,जस्टिस  डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ ने सुनवाई की थी.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com