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'इतना कीचड़ उछालो कि...'- 25 लाख जुर्माना न चुकाने पर एक NGO के अक्ष्यक्ष को SC ने ठहराया अवमानना का दोषी
- Wednesday September 29, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: तूलिका कुशवाहा
NGO सुराज इंडिया ट्रस्ट के अध्यक्ष राजीव दहिया को अदालत को लगातार बदनाम करने और डराने के अवमानना का दोषी ठहराया है. कोर्ट ने कहा कि दहिया ने अदालत के अधिकार क्षेत्र का बार-बार दुरुपयोग करते हुए 64 जनहित याचिका दायर करने के लिए उन पर लगाए गए 25 लाख रुपये के जुर्माने का भुगतान नहीं किया है.
- ndtv.in
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बेकार याचिकाएं दाखिल करने पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी- न्याय आपकी इच्छा से नहीं चल सकता
- Wednesday September 8, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्याय व्यवस्था में एक ही पक्ष जीतता है दूसरा हारता है. इसका मतलब ये नहीं कि न्याय हुआ ही नहीं, न्याय वो नहीं है जो आप चाहते हो. न्याय तो अपनी नजर और नजरिए से चलता है आपकी इच्छा से नहीं.
- ndtv.in
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अदालत का समय बर्बाद करने के लिए एनजीओ पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
- Tuesday May 2, 2017
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
अब जनहित के नाम पर फालतू याचिका दाखिल करने पर कड़ा फैसला आ सकता है. फालतू की याचिकाएं दायर करने और कोर्ट का बहुमूल्य समय खराब वाले राजस्थान के एक ट्रस्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने 25 लाख रुपये का जुर्माना किया है और सुप्रीम कोर्ट में ट्रस्ट पर आजीवन जनहित याचिका दाखिल करने पर रोक लगा दी है. इस ट्रस्ट ने पिछले 10 साल में जनहित के नाम पर देश की अलग-अलग अदालतों में 64 याचिकाएं दायर की थी.
- ndtv.in
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'इतना कीचड़ उछालो कि...'- 25 लाख जुर्माना न चुकाने पर एक NGO के अक्ष्यक्ष को SC ने ठहराया अवमानना का दोषी
- Wednesday September 29, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: तूलिका कुशवाहा
NGO सुराज इंडिया ट्रस्ट के अध्यक्ष राजीव दहिया को अदालत को लगातार बदनाम करने और डराने के अवमानना का दोषी ठहराया है. कोर्ट ने कहा कि दहिया ने अदालत के अधिकार क्षेत्र का बार-बार दुरुपयोग करते हुए 64 जनहित याचिका दायर करने के लिए उन पर लगाए गए 25 लाख रुपये के जुर्माने का भुगतान नहीं किया है.
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बेकार याचिकाएं दाखिल करने पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी- न्याय आपकी इच्छा से नहीं चल सकता
- Wednesday September 8, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्याय व्यवस्था में एक ही पक्ष जीतता है दूसरा हारता है. इसका मतलब ये नहीं कि न्याय हुआ ही नहीं, न्याय वो नहीं है जो आप चाहते हो. न्याय तो अपनी नजर और नजरिए से चलता है आपकी इच्छा से नहीं.
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अदालत का समय बर्बाद करने के लिए एनजीओ पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
- Tuesday May 2, 2017
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अब जनहित के नाम पर फालतू याचिका दाखिल करने पर कड़ा फैसला आ सकता है. फालतू की याचिकाएं दायर करने और कोर्ट का बहुमूल्य समय खराब वाले राजस्थान के एक ट्रस्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने 25 लाख रुपये का जुर्माना किया है और सुप्रीम कोर्ट में ट्रस्ट पर आजीवन जनहित याचिका दाखिल करने पर रोक लगा दी है. इस ट्रस्ट ने पिछले 10 साल में जनहित के नाम पर देश की अलग-अलग अदालतों में 64 याचिकाएं दायर की थी.
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