स्पाइसजेट ने सोमवार को कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक क्रेडिट सुइस को 1.5 मिलियन डॉलर का भुगतान करेगी. इससे पहले दिन में, सुप्रीम कोर्ट ने स्पाइसजेट को बकाया राशि से संबंधित एक मामले में 15 सितंबर तक भुगतान करने का आदेश दिया और एयरलाइन को ऐसा करने में विफल रहने पर अगली सुनवाई में "कठोर कार्रवाई" की चेतावनी दी थी. राशि का एक तिहाई हिस्सा मासिक निपटान योजना का हिस्सा है, जिस पर स्पाइसजेट ने पहले क्रेडिट सुइस के साथ सहमति व्यक्त की थी, और बाकी बैंक का अवैतनिक बकाया है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अगर स्पाइसजेट भुगतान करने में विफल रहती है, तो सुप्रीम कोर्ट 22 सितंबर को अगली सुनवाई में "कठोर कार्रवाई" करेगा. सुनवाई के दौरान दो न्यायाधीशों में से एक ने कहा, "यह बहुत हो चुका टाल-मटोल का काम... चाहे आप मर भी जाएं, हमें कोई चिंता नहीं है." सुनवाई में स्पाइसजेट के प्रमुख अजय सिंह भी मौजूद थे. एयरलाइन ने पहले कहा था कि क्रेडिट सुइस ऋण पुराना था जो उसके वर्तमान प्रबंधन के कार्यकाल से पहले का था.
क्रेडिट सुइस और स्पाइसजेट बैंक के लगभग 24 मिलियन डॉलर के बकाया के दावे को लेकर 2015 से कानूनी विवाद में उलझे हुए हैं, जिसके कारण मद्रास उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि एयरलाइन को 2021 में बंद कर दिया जाए. सहमत होने के बाद भी, बकाया का भुगतान नहीं किया गया, और मार्च में क्रेडिट सुइस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अदालत के आदेशों की जानबूझकर अवेहलना करने और $ 4.5 का बकाया भुगतान करने में विफलता पर स्पाइसजेट और सिंह के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की मांग की.
अदालत का आदेश नकदी संकट से जूझ रही स्पाइसजेट के लिए ताजा झटका है, जिसने पिछले महीने एक अदालत को बताया था कि वह अपने पूर्व मालिक कलानिधि मारन को 10 सितंबर तक 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने के आदेश के बाद "बने रहने के लिए संघर्ष कर रही है." उस मामले में, जिसकी सुनवाई सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में हुई, स्पाइसजेट ने कहा कि उसने उस राशि में से 625 मिलियन रुपये जमा कर दिए हैं. एयरलाइन ने सोमवार देर रात कहा कि वह मंगलवार तक मारन को 1 अरब रुपये का भुगतान पूरा कर देगी.
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