राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने अपने एक करीबी मंत्री द्वारा गुस्से में ट्वीट करके इस्तीफे की पेशकश करने के कुछ घंटों बाद कहा कि इसे "गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए." राजस्थान के खेल और युवा मामले, कौशल विकास, रोजगार, उद्यमिता और आपदा प्रबंधन मंत्री अशोक चंदना (Ashok Chandna) ने अशोक गहलोत से अपील की कि वह उन्हें "फ्री" करें और मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को सभी विभाग दे दें.
अशोक गहलोत ने आज सुबह संवाददाताओं से कहा कि अशोक चंदना बहुत अच्छे मंत्री हैं. उन्होंने हाल ही में एक बहुत विस्तृत खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया था. वह बहुत सारी जिम्मेदारियों का सामना कर रहे हैं, शायद तनाव के चलते कुछ कह दिया, इसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं उनसे जल्द ही बात करेंगे इस मामले को देखूंगा. मैंने अभी तक उनसे बात नहीं की है, इसलिए मुझे नहीं पता. ऐसा लगता है कि वह दबाव में काम कर रहे हैं. माना जाता है कि अशोक चंदना दरअसल, मिस्टर गहलोत की टीम के नौकरशाह कुलदीप रांका से नाराज़ हैं.
अशोक चांदना ने ट्वीट किया कि माननीय मुख्यमंत्री जी मेरा आपसे व्यक्तिगत अनुरोध है कि मुझे इस ज़लालत भरे मंत्री पद से मुक्त कर मेरे सभी विभागों का चार्ज कुलदीप रांका जी को दे दिया जाए, क्योंकि वैसे भी वो ही सभी विभागों के मंत्री है. धन्यवाद. इससे पहले राजस्थान के आदिवासी नेता और कांग्रेस विधायक गणेश घोगरा का राज्य की ब्यूरोक्रेसी के साथ भूमि विलेख वितरण को लेकर विवाद था. राज्य के युवा कांग्रेस प्रमुख घोगरा ने 18 मई को यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि सत्ताधारी दल के विधायक होने के बावजूद उनकी उपेक्षा की जा रही है.
चंदना के ट्वीट पर राजस्थान भाजपा प्रमुख सतीश पूनिया ने भी प्रतिक्रिया दी, उन्होंने अगले साल होने वाले राज्य चुनाव का उल्लेख किया और ट्वीट किया कि"जहाज डूब रहा है ... 2023 के रुझान आने शुरू हो गए हैं."
मुख्यमंत्री के लिए मंत्रियों और विधायकों की नाराजगी मुश्किल भरी साबित हो सकती है, क्योंकि अगले महीने राज्यसभा चुनाव भी है. सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच का विवाद तो जगजाहिर है ही.
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