विज्ञापन

मुंबई में शिवसेना के दोनों दल कर रहे हैं दशहरा उत्सव का आयोजन...जारी किया टीजर, जानिए क्यों अहम है यह रैली

दोनों ही दलों के लिए सवाल सिर्फ रैली या परंपरा निभाने का नहीं है, बल्कि यह आयोजन आने वाले BMC चुनाव और 2029 की महाराष्ट्र राजनीति के समीकरण तय करने का भी मंच है.

मुंबई में शिवसेना के दोनों दल कर रहे हैं दशहरा उत्सव का आयोजन...जारी किया टीजर, जानिए क्यों अहम है यह रैली
  • दशहरा पर्व शिवसेना UBT और एकनाथ शिंदे के लिए अपनी ताकत दिखाने का एक मंच रहा है
  • उद्धव ठाकरे का शिवसेना गुट शिवाजी पार्क में रैली आयोजित कर BMC चुनाव अभियान का औपचारिक शुभारंभ कर सकता है
  • शिंदे गुट दशहरा रैली गोरगांव के नेस्को सेंटर में आयोजित कर रही है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
मुंबई:

मुंबई में दशहरा केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सियासत का भी बड़ा अखाड़ा बनता रहा है. शिवसेना के दोनों गुट उद्धव ठाकरे खेमे (शिवसेना-UBT) और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खेमे गुरुवार शाम अपने-अपने दशहरा उत्सव का आयोजन कर रहे हैं.  दोनों पक्षों ने अपने आयोजनों के लिए भव्य तैयारी की है और प्रमोशनल टीजर तथा पोस्टर जारी किए हैं. 

शिवसेना (UBT) लगा रहगी है पूरी ताकत

उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (UBT) परंपरा निभाते हुए दशहरा रैली शिवाजी पार्क, दादर में शाम 5 बजे आयोजित करेगी. यह वही ऐतिहासिक मैदान है जहां से बाला साहेब ठाकरे दशकों तक पार्टी की ताकत और दिशा तय करते रहे. उद्धव गुट के लिए यह रैली केवल परंपरा निभाने भर का मौका नहीं है, बल्कि मुंबई महानगर पालिका (BMC) चुनाव अभियान का औपचारिक आगाज भी है. 

Latest and Breaking News on NDTV

इस रैली में उद्धव ठाकरे अपने समर्थकों को एकजुट करने और विरोधियों पर हमला बोलने का मंच तलाशेंगे. सबसे अहम चर्चा यह है कि क्या उद्धव के चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे इस आयोजन में शामिल होंगे. अगर ऐसा होता है तो यह महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़े गठबंधन का संकेत भी हो सकता है.

शिंदे गुट भी ताकत दिखाने की तैयारी में

दूसरी ओर, उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला शिवसेना गुट इस बार दशहरा रैली गोरगांव के नेस्को सेंटर में करेगा. पहले इसका आयोजन आजाद मैदान में होना था, लेकिन बारिश और मैदान में कीचड़ की वजह से स्थल बदला गया. शिंदे गुट की रैली शाम 6 बजे होगी, यानी उद्धव गुट की रैली के एक घंटे बाद. 

Latest and Breaking News on NDTV

शिंदे गुट की रणनीति है कि इस रैली को "शक्ति प्रदर्शन" और "जनसंपर्क अभियान" दोनों बनाया जाए. रैली में पार्टी के वरिष्ठ मंत्री और कार्यकर्ता शामिल होंगे. खास बात यह है कि शिंदे गुट ने इस आयोजन को बाढ़ पीड़ितों की मदद और फंड इकट्ठा करने से भी जोड़ा है. 

दोनों ने जारी किए टीजर और पोस्टर

दोनों गुटों ने अपने आयोजनों से पहले प्रचार अभियान तेज कर दिया है. उद्धव गुट ने परंपरा और शिवसेना की विरासत पर फोकस करते हुए टीजर जारी किए हैं. इनमें ‘मूल शिवसेना' की छवि उकेरने की कोशिश की गई है. वहीं शिंदे गुट ने भी बड़े पैमाने पर पोस्टर और वीडियो जारी कर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की है.  

टकराव की आशंका

मुंबई पुलिस और प्रशासन दोनों ही गुटों की गतिविधियों पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं.  शिवाजी पार्क और नेस्को सेंटर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. आशंका जताई जा रही है कि दोनों गुटों के कार्यकर्ता सोशल मीडिया और सड़कों पर एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन कर सकते हैं.  चुनावी माहौल को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है.

Latest and Breaking News on NDTV

BMC चुनाव पर पड़ेगा इस रैली का असर

यहां सवाल सिर्फ रैली या परंपरा निभाने का नहीं है, बल्कि यह आयोजन आने वाले BMC चुनाव और 2029 की महाराष्ट्र राजनीति के समीकरण तय करने का भी मंच है.  उद्धव ठाकरे जहां खुद को बाला साहेब की असली राजनीतिक विरासत का उत्तराधिकारी साबित करना चाहेंगे, वहीं शिंदे अपने मुख्यमंत्री पद और केंद्र के समर्थन को "जनादेश" के तौर पर पेश करेंगे. 

ये भी पढ़ें:-याद रखना, MNS स्टाइल में जबाव देंगे... मराठी नहीं बोलने पर अबू आज़मी को मनसे की खुली धमकी

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com