देशभर के स्कूलों में छह से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों को मुफ्त सैनिटरी पैड मुहैया कराने का निर्देश देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. याचिकाकर्ता ने कहा कि गरीब पृष्ठभूमि से आने वाली 11 से 18 वर्ष की आयु की किशोरियों को गंभीर कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. याचिका में भारत सरकार और राज्यों को छठी से 12वीं कक्षा तक पढ़ने वाली लड़कियों को मुफ्त में सैनिटरी पैड मुहैया कराने की मांग की गई है. साथ ही सभी सरकारी सहायता प्राप्त और आवासीय स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय मुहैया कराने का निर्देश देने की मांग भी की गई है.
याचिकाकर्ता मध्य प्रदेश कांग्रेसी नेता जया ठाकुर ने कहा है कि गरीब पृष्ठभूमि से आने वाली 11 से 16 साल की उम्र की लड़कियां अक्सर हाइजीन मेनटेंन नहीं कर पाती हैं. याचिका में कहा गया है कि सरकार द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं वे पूरे देश में सभी लड़कियों को कवर करने में सक्षम नहीं हैं. याचिका में आगे अदालत से तीन चरणों में जागरूकता कार्यक्रम प्रदान करने के लिए केंद्र और राज्यों को निर्देश देने की प्रार्थना की गई है.
CJI डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने कहा याचिका में युवा छात्राओं की स्वच्छता के मुद्दे को उठाया गया है. सॉलिसिटर जनरल मामले में अदालत की सहायता करें. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के अलावा राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को भी नोटिस जारी किया है. अगली सुनवाई जनवरी में होगी.
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