अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की अध्यादेश पर रोक की अर्जी खारिज कर दी है. अध्यादेश पर तीन जजों की पीठ ने कानून के दो सवाल भी तैयार किए. अनुच्छेद 239-एए(7) के तहत कानून बनाने की संसद की शक्ति की रूपरेखा क्या है? और क्या संसद अनुच्छेद 239-एए(7) के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करके दिल्ली के लिए शासन के संवैधानिक सिद्धांतों को निरस्त कर सकती है?
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और मनोज मिश्रा की बेंच ने गुरुवार को कहा था कि दिल्ली सरकार की अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका पर पांच जजों की संविधान पीठ सुनवाई करेगी.
पीठ ने कहा है कि याचिका के निपटारे के लिए इस न्यायालय को संविधान की व्याख्या के संबंध में कानून के एक महत्वपूर्ण प्रश्न का उत्तर देना आवश्यक है. दिल्ली के प्रशासन पर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच लंबी कानूनी लड़ाई पर फैसला जरूरी है.
पीठ ने कहा कि, हम रजिस्ट्री को निर्देश देते हैं कि ऊपर बताए गए सवालों के जवाब देने और याचिका के निपटारे के लिए संविधान पीठ के गठन के लिए प्रशासनिक पक्ष की ओर से इस याचिका के कागजात भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखे जाएं.
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