महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगियों के बीच सोमवार को एक बार फिर दरार देखने को मिली, जब राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उप-मुख्यमंत्री एनसीपी के अजीत पवार पर उन पर "निगरानी" रखने का आरोप लगाया. पटोले ने कहा कि यह इसलिए किया जा रहा है कि क्योंकि कांग्रेस जमीनी स्तर पर मजबूत हो रही है और एनसीपी-शिवसेना दोनों इससे डर रही हैं. इससे पहले पटोले ने आरोप लगाया था कि साल 2016-17 के दौरान उनका फोन टैप किया गया था और देवेंद्र फडणवीस राज्य सरकार का नेतृत्व कर रहे थे.
सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पटोले ने कहा था कि राज्य में मुख्यमंत्री और गृह मंत्री का पद शिवसेना और एनसीपी के पास है. कांग्रेस नेता ने कहा, 'उन्हें हर एक चीज की रिपोर्ट मिलती रहती है. उन्हें यह भी पता है कि मैं क्या कर रहा हूं. सीएम और डिप्टी सीएम मुझ पर नजर रख रहे हैं.'
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जून महीने में पटोले ने गठबंधन को लेकर बयान दिया था कि यह स्थाई नहीं है, बल्कि अस्थाई गठबंधन है. उन्होंने कहा था, 'हमने 2019 में भाजपा को रोकने के लिए महा विकास अघाड़ी बनाया था. यह कोई स्थाई नहीं है. हर पार्टी को अपना संगठन मजबूत करने का अधिकार है.' मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा था कि जो लोगों की समस्याओं का समाधान किए बिना अकेले चुनाव लड़ने की बात करते हैं, उन्हें लोग जवाब देंगे.
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बता दें, साल 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने से रोकने के लिए कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी ने गठबंधन किया था. लेकिन पिछले कुछ सप्ताह से गठबंधन में सब कुछ सही नहीं दिख रहा है. सीएम उद्धव ठाकरे की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के बाद उन अटकलों को और हवा मिल गई, जिनमें कहा जा रहा था कि शिवसेना और भाजपा दोबारा साथ आ सकते हैं.
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