जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली को लेकर सुप्रीम कोर्ट के साथ विवाद के बीच सरकार ने संसद को बताया कि इस साल विभिन्न उच्च न्यायालयों में सबसे अधिक न्यायाधीश नियुक्त किए गए. केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कल राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि उच्च न्यायालय के कम से कम 165 न्यायाधीशों को नियुक्त किया गया. यह एक कैलेंडर वर्ष में रिकॉर्ड है. सरकार ने कहा कि 331 रिक्तियां हैं - जो 1,108 न्यायाधीशों की स्वीकृत शक्ति का एक तिहाई है.
कानून मंत्री ने कहा, "331 रिक्तियों के लिए उच्च न्यायालयों से 147 प्रस्ताव सरकार को मिले हैं. यह प्रस्ताव सरकार और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के बीच प्रसंस्करण के विभिन्न चरणों में हैं." रिजिजू ने कहा कि सरकार ने हाल ही में उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीशों के कॉलेजियम द्वारा उच्च न्यायालयों के लिए अनुशंसित 20 नामों को वापस भेज दिया है. उन्होंने कहा कि 184 रिक्तियों के लिए, उच्च न्यायालय के कॉलेजियम से सिफारिशें "अभी प्राप्त होनी बाकी हैं".
मंत्री ने यह भी कहा कि 2014 के राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम को 2015 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा "असंवैधानिक और शून्य घोषित" किया गया था. उन्होंने लिखा, उच्च न्यायपालिका में सभी मौजूदा नियुक्तियां कॉलेजियम प्रणाली के अनुसार की जा रही हैं.
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