भाजपा नेताओं ने हमारे मंत्री के साथ मिलकर 'लाल डायरी' का षड्यंत्र रचा : अशोक गहलोत

अशोक गहलोत ने कहा कि वैसे तो पता नहीं कि लाल डायरी और काली डायरी कौन सी है, पर मुझे ऐसा लगता है कि यह सब केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अंदर रचे गए षड्यंत्र के तहत हुआ.

भाजपा नेताओं ने हमारे मंत्री के साथ मिलकर 'लाल डायरी' का षड्यंत्र रचा : अशोक गहलोत

सीएम अशोक गहलोत ने लाल डायरी मामले पर कही ये बात

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot ) ने बुधवार को आरोप लगाया कि कथित 'लाल डायरी' का षडयंत्र भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने राजस्थान के एक तत्कालीन मंत्री के साथ मिलकर रचा था. इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि उन्हें इसकी चिंता नहीं है, बल्कि उनका उद्देश्य राज्य में कांग्रेस की सरकार दोबारा बनवाना है. अशोक गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गए राजेंद्र गुढ़ा आरोप लगाते हैं कि इस (लाल) डायरी में गहलोत व अन्य नेताओं के 'अवैध लेनदेन' का ब्यौरा दर्ज है. डायरी के कुछ पन्नों की कथित तस्वीर हाल ही में सोशल मीडिया पर आई थी.

इस बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने एक बार फिर केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने पार्टी के 'वार रूम' में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ वैसे तो पता नहीं कि लाल डायरी और काली डायरी कौन सी है, पर मुझे ऐसा लगता है कि यह सब केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अंदर रचे गए षड्यंत्र के तहत हुआ. वहां पर डायरी को ‘लाल डायरी' नाम दिया गया.'' उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री चार दिन बाद सीकर आने वाले थे. उससे पहले उस व्यक्ति का दुरुपयोग किया गया जो हमारा मंत्री था. उससे बात करके, यह सब भाजपा के नेताओं ने किया, मंत्री (राजेंद्र गुढ़ा) के साथ में.''

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मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, ‘‘इसलिए अगर लाल डायरी की बात करें, या कहें कि पन्ने आ रहे हैं जा रहे हैं... तो हम लोगों को उसकी चिंता नहीं है. हमारा एक ही उद्देश्य है कि कांग्रेस की सरकार दोबारा बने. हमने अच्छा काम किया है, अच्छा प्रशासन दिया है जिससे हमें यकीन है कि आम जनता हमारे कामों पर ठप्पा लगाएगी.'' गहलोत ने मणिपुर के हालात को लेकर भी केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि देश का एक राज्य जल रहा है, लेकिन ‘‘इसकी गंभीरता प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह समझ नहीं पा रहे हैं. प्रधानमंत्री एक बार भी वहां नहीं गए, वहां के लिए एक टिप्पणी तक नहीं की। जो टिप्पणी उन्होंने की वह यह थी कि मणिपुर, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को चाहिए कि शांति बनाए रखें.'' उन्होंने कहा कि मणिपुर की घटना को ‘‘तवज्जो न देने'' के लिए ऐसा किया गया.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)