EXCLUSIVE| "राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द होना एक साजिश का हिस्सा" : NDTV से बोले अशोक गहलोत

अशोक गहलोत ने कहा, 'सदन में राहुल गांधी को बोलने की परमिशन नहीं देना भी एक साजिश थी. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मैं समझता हूं कि राहुल गांधी कुछ गंवाने वाले नहीं हैं. जैसा कि उन्होंने पहले ही कहा है कि वो देश की आवाज बनकर रहेंगे, चाहे संसद में रहे या न रहे.'

नई दिल्ली:

मोदी सरनेम को लेकर आपराधिक मानहानि केस में राहुल गांधी को 2 साल की सजा के साथ लोकसभा की सदस्यता भी गंवानी पड़ी है. इस मामले को लेकर जहां बीजेपी कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमलावर है. वहीं, कांग्रेस इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बता रही है. इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गांधी की अयोग्यता को एक बड़ी साजिश का हिस्सा करार दिया है.
 

अशोक गहलोत ने NDTV से खास बातचीत में ये बातें कही. गहलोत ने कहा, 'बीजेपी राहुल गांधी पर आरोप लगा रही है कि उन्होंने मोदी सरनेम का इस्तेमाल कर ओबीसी समाज को अपमानित किया. लेकिन सोनिया और राहुल ने एक ओबीसी को तीसरी बार राजस्थान का सीएम बनाया है.' उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राहुल की सदस्यता षड्यंत्र पूर्वक समाप्‍त की गई है. गहलोत ने कहा,‘‘राहुल गांधी की संसद सदस्‍यता खत्‍म कर दी गई ... यह एक षड्यंत्र के द्वारा की गई है.''

गहलोत ने कहा- 'राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा में लोकप्रियता मिली. जब यह यात्रा कामयाब हुई, तभी उनके खिलाफ इस साजिश की शुरुआत हो चुकी थी. वरना कोई कारण नहीं था कि बीजेपी राहुल गांधी पर माफी मांगने का दबाव बनाती. बीजेपी ने उन्हें सदन में बोलते तक नहीं दिया. राहुल पर जो आरोप लगाए गए थे, उसको लेकर नियमों के हिसाब से भी राहुल गांधी को कम से कम एक बार संसद में जवाब दे देने का मौका देना चाहिए था. अगर बीजेपी राहुल के जवाब से संतुष्ट नहीं होती, तब वो माफी के लिए कह सकते थे. लेकिन ऐसा नहीं किया गया.'

अशोक गहलोत ने कहा, 'सदन में राहुल गांधी को बोलने की परमिशन नहीं देना भी एक साजिश थी. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मैं समझता हूं कि राहुल गांधी कुछ गंवाने वाले नहीं हैं. जैसा कि उन्होंने पहले ही कहा है कि वो देश की आवाज बनकर रहेंगे, चाहे संसद में रहे या न रहे.'


गहलोत ने कहा कि कोई नहीं जानता कि देश किस दिशा में जा रहा है और कहां जा रहा है. उन्‍होंने कहा, "जिस राहुल गांधी के पिता और दादी देश के लिए शहीद हो गए, उससे आप कैसा व्‍यवहार कर रहे हैं? उन्‍हें संसद में बोलने नहीं दे रहे."

23 मार्च को हुआ था सजा का ऐलान
'मोदी सरनेम' वाले आपराधिक केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार दोपहर 12.30 बजे राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी. हालांकि, 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी. इसके एक दिन बाद दोपहर करीब 2.30 बजे रद्द कर दी गई. वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे. लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी है. लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल का नाम हटा दिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को अपने फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा.

कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के केस में यह आदेश दिया था. इससे पहले कोर्ट का आखिरी फैसला आने तक विधायक या सांसद की सदस्यता खत्म नहीं करने का प्रावधान था. इधर, राहुल ने फैसले के करीब 3 घंटे बाद ट्वीट कर लिखा, 'मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं, मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं.'

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