- राहुल ने दावा किया है कि कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के 100% सबूत उनके पास हैं.
- केंद्रीय चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को आधारहीन और गैरजरूरी धमकी बताते हुए खंडन किया है.
- कर्नाटक चुनाव आयोग ने बताया कि वोटर लिस्ट रिवीजन के खिलाफ कांग्रेस की तरफ से एक भी अपील नहीं मिली है.
बिहार में वोटर लिस्ट के स्पेशल रिवीजन का विरोध करते-करते कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगा दिए. उन्होंने कहा कि कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव आयोग द्वारा गड़बड़ी करने देने के हमारे पास 100 फीसदी सबूत हैं. अगर आयोग यह सोचता है कि वह इससे बच जाएगा तो यह उसकी गलतफहमी है. हम उनके पास आएंगे. राहुल के इस आरोप को चुनाव आयोग ने 'गैरजरूरी धमकी' बताते हुए आधारहीन करार दिया है और तथ्यों के साथ जवाब दिया है.
राहुल ने कर्नाटक में गड़बड़ी का आरोप लगाया
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने बिहार में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा, "यह बहुत गंभीर मामला है. चुनाव आयोग भारत के चुनाव आयोग की तरह काम नहीं कर रहा है. उन्होंने कुछ बयान दिया है, यह पूरी तरह से बकवास है. सच तो यह है कि चुनाव आयोग अपना काम नहीं कर रहा है."
राहुल गांधी ने आगे कहा कि कर्नाटक की एक सीट पर चुनाव आयोग ने गड़बड़ी करने दी, जिसके 90 प्रतिशत नहीं बल्कि 100 प्रतिशत ठोस सबूत हैं. अभी एक निर्वाचन क्षेत्र का निरीक्षण करने के बाद गड़बड़ी का पता चला है. मुझे यकीन है कि हर निर्वाचन क्षेत्र में यही नाटक चल रहा है. हजारों नए मतदाता बनाए गए, लेकिन उनकी उम्र 50 साल, 45 साल या 60 साल है."
चुनाव आयोग गलतफहमी में न रहे!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 24, 2025
वोट चोरी करने के आपके हथकंडों के 100% पुख्ता सबूत हैं हमारे पास।
हम उन्हें सामने भी लाएंगे और आप इसके अंजाम से बच नहीं पाएंगे - लोकतंत्र और संविधान को बर्बाद करने की कोशिश करने वाले बक्शे नहीं जाएंगे। pic.twitter.com/gYAVbDo20O
राहुल गांधी ने कहा, आयोग बच नहीं पाएगा
राहुल गांधी ने आगे कहा, "मतदाताओं का नाम हटाना, नए मतदाता जोड़ना और 18 साल से ज्यादा उम्र के नए मतदाता... हमने उनका पता लगाया. मैं चुनाव आयोग को कहना चाहता हूं कि अगर आपको लगता है कि आप इससे बच निकलेंगे, अगर आपके अधिकारी सोचते हैं कि वे इससे बच निकलेंगे तो आप गलत हैं. आप इससे बच नहीं पाएंगे. हम आपके पास आएंगे."
हालांकि राहुल गांधी ने बिहार में 'चुनाव बहिष्कार' की आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं की. बिहार में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी आरजेडी के नेता तेजस्वी ने एसआईआर प्रक्रिया के विरोध में 'चुनाव बहिष्कार' का संकेत दिया है.
आयोग का जवाब- एक भी अपील नहीं मिली
राहुल गांधी के आरोपों का केंद्रीय चुनाव आयोग ने जवाब देते हुए कहा कि हमें हैरानी है कि इस तरह के आधारहीन और धमकी भरे आरोप चुनाव आयोग पर क्यों लगाए जा रहे हैं और वो भी अब. आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि जहां तक कर्नाटक में पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव की वोटर लिस्ट का सवाल है तो हम बता दें कि कर्नाटक के डीएम या सीईओ के पास कांग्रेस पार्टी की तरफ से एक भी ऐसी अपील दायर नहीं की गई थी, जिसका वैध अधिकार उसे और लोगों को जनप्रतिनिधित्व कानून 1950 की धारा-24 के तहत मिला हुआ है.
आयोग ने आगे कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के संदर्भ में मिली 10 चुनाव याचिकाओं में से एक भी याचिका ऐसी नहीं थी, जो कांग्रेस पार्टी के किसी भी हारे हुए उम्मीदवार की तरफ से जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 80 में उपलब्ध वैध अधिकार के तहत दाखिल की गई हो.
कर्नाटक चुनाव आयोग बोला- वोटर लिस्ट पारदर्शी
कर्नाटक के मुख्य चुनाव आयुक्त कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बयान में कहा कि मतदाता सूचियां पूरी तरह पारदर्शी प्रक्रिया के तहत तैयार की जाती हैं और उनकी कॉपी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ शेयर की जाती हैं.
Electoral rolls are prepared transparently; copies were shared with recognised political parties pic.twitter.com/XIoVx2qEru
— Chief Electoral Officer, Karnataka (@ceo_karnataka) July 24, 2025
आयोग ने आगे बताया कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले, कर्नाटक के सभी 224 निर्वाचन क्षेत्रों में स्पेशल समरी रिवीजन के दौरान वोटर लिस्ट की ड्राफ्ट और अंतिम सूची कांग्रेस पार्टी समेत सभी रजिस्टर्ड और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ शेयर की गई थी. आयोग ने ये भी बताया कि ये सूचियां किन-किन तारीखों में शेयर की गई थीं.
कर्नाटक चुनाव आयोग की तरफ से बताया गया कि रिवीजन के दौरान ड्राफ्ट वोटर लिस्ट और अंतिम मतदाता सूची बनाने के बीच 9,17,928 दावे और आपत्तियां विचार के लिए प्राप्त हुई थीं. आयोग ने ये भी कहा कि अगर किसी को लगता है कि मतदाता सूची में गलत तरीके से नाम बढ़ाए गए हैं या फिर हटा दिए गए हैं तो उसके खिलाफ अपील करने का भी प्रावधान है. लेकिन हमें ऐसी कोई भी अपील प्राप्त नहीं हुई थी.
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