
- राहुल गांधी ने बिहार में चुनाव से पहले मतदाता सूची के पुनरीक्षण के खिलाफ वोटर अधिकार यात्रा शुरू की है.
- यह यात्रा सोलह दिनों तक चलेगी और बिहार के 23 जिलों में 1300 किलोमीटर की दूरी तय करेगी.
- विपक्षी दलों के नेता तेजस्वी यादव समेत अन्य नेता इस यात्रा में राहुल गांधी के साथ शामिल होंगे.
Voter Adhikar Yatra: लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी रविवार से बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा' (Vote Adhikar Yatra) निकाल रहे हैं. बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू किए गए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ निकाली जा रही इस यात्रा में राहुल बिहार के 23 जिलों को कवर करेंगे. राहुल गांधी के साथ-साथ राजद नेता तेजस्वी यादव, सीपीआई, मुकेश सहनी की पार्टी सहित अन्य विपक्षी दल भी साथ होंगे. राहुल गांधी रविवार 17 अगस्त को इस यात्रा की शुरुआत शेरशाह सूरी की स्थली सासाराम से करने जा रहे हैं.
17 अगस्त से शुरू हो रही राहुल गांधी की यह यात्रा 16 दिनों तक चलेगी और करीब 23 जिलों से होकर गुज़रेगी, जिसमें 50 विधानसभा क्षेत्र और कई लोकसभा क्षेत्र शामिल हैं.
तेजस्वी यादव सहित अन्य विपक्षी नेता भी होंगे साथ
तेजस्वी यादव ने भी राहुल गांधी की इस यात्रा को समर्थन दिया है. तेजस्वी ने सोशल मीडिया पर लिखा- लोकतंत्र में इस से बड़ी विडंबना क्या होगी कि लोगों से उनके वोट डालने की और सरकार चुनने की आजादी छिनी जा रही है. हम आप सभी को आश्वस्त करते है कि आपकी वोट डालने की लड़ाई शिद्दत के साथ लड़ेंगे. इसी आवाज को मुखर करने और न्याय पाने के लिए हम 17 अगस्त से "वोटर अधिकार यात्रा” शुरू कर रहे हैं.
राहुल गांधी की यात्रा, किस दिन किस जिले में होगी, पूरा शेड्यूल
- 17 अगस्त- रोहतास (सासाराम)
- 18 अगस्त- औरंगाबाद, गया
- 19 अगस्त- नवादा, नालंदा, शेखपुरा
- 21 अगस्त- लखीसराय, मुंगेर
- 22 अगस्त- भागलपुर
- 23 अगस्त- कटिहार
- 24 अगस्त- पूर्णिया, अररिया
- 26 अगस्त- सुपौल, मधुबनी
- 27 अगस्त- दरभंगा, मुजफ्फरपुर
- 28 अगस्त- सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण
- 29.अगस्त- पश्चिमी चंपारण (बेतिया), गोपालगंज, सीवान
- 30 अगस्त- सारण (छपरा), आरा
- 1 सितंबर- पटना (गांधी मैदान में समापन रैली)
यात्रा की रूपरेखा भी समझिए
- शुरुआत: यह यात्रा 17 अगस्त 2025 को बिहार के सासाराम (रोहतास जिला) से शुरू होगी.
- अवधि और दूरी: यह 16 दिन चलेगी और लगभग 1,300 किमी के मार्ग को पार करेगी.
- यात्रा का समापन: यह यात्रा 1 सितंबर 2025 को पटना के गांधी मैदान में एक बड़े रैली के साथ समाप्त हो रही है.
- कुल जिले: यात्रा में 20 से 23 जिले शामिल हैं.
BJP और चुनाव आयोग आपके वोट का अधिकार छीन रहे हैं, चोरी कर रहे हैं। हम सब मिलकर उनके इस मंसूबे को नाकाम करेंगे।
— Bihar Congress (@INCBihar) August 16, 2025
आइए, वोटर अधिकार यात्रा से जुड़िए और अपने हक की आवाज बुलंद करिए ✊
🇮🇳 वोटर अधिकार यात्रा
🗓️ 16 दिन
📍 20+ जिले
🛣️ 1,300+ कि.मी.#VoterAdhikarYatra pic.twitter.com/6KtZYvbH1w
कांग्रेस सहित विपक्षी दलों का आरोप
कांग्रेस का आरोप है कि बिहार में हो रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो रही है, जैसे कि SC/ST समुदायों के नाम हटाना. राहुल गांधी इस मुद्दे को लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई बताते हुए सासाराम से यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं.
राजनीतिक प्रतीकात्मकता और जन-आंदोलन की भावना
सासाराम को “शेरशाह की धरती” और मौर्य साम्राज्य की निरंतरता वाले विरासत से जोड़कर, यह यात्रा बिहार की ऐतिहासिक और राजनीतिक संस्कृति से जुड़ाव दर्शा रही है. यह पहल वोट चोरी के आरोपों को लेकर जागरूकता बढ़ाने, लोकतंत्र, संविधान, और “एक व्यक्ति — एक वोट” के सिद्धांत की रक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू की गई है.
इंडिया गठबंधन की मजबूती और चुनावी रणनीति
अगर बात करे सासाराम की तो राहुल की यह यात्रा सासाराम से शुरू हो रही है क्यूंकि लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने इस क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन किया था . सासाराम शाहबाद के क्षेत्र में आता है यहाँ लोक सभा में एनडीए को भारी नुकसान हुआ था . यहाँ इंडिया गठबंधन का एक मज़बूत वोट वोट भी है, राहुल गांधी की कोशिश है की विधान सभा चुनाव में भी इस प्रदर्शन को दोहराया जाए .
रणनीतिक महत्व: सासाराम की भू-राजनीतिक भूमिका
राहुल गांधी की यह यात्रा रोहतास (सासाराम) से शुरू करना कोई संयोग नहीं, बल्कि एक सुविचारित राजनीतिक और प्रतीकात्मक निर्णय है. यह कदम मतदाताओं के अधिकारों का मुद्दा उठाने, लोकतंत्र की रक्षा की बात करने, विपक्षी एकजुटता दिखाने, और बिहार की ऐतिहासिक विरासत से जुड़ाव की भावना को प्रदर्शित करने की कोशिश है.
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